भोपाल: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि विज्ञान को तकनीक की जननी माना जाता है, लेकिन विज्ञान की जननी है जिज्ञासा. उन्होंने कहा है कि हमारा सारा ज्ञान और योग्यताएं जिज्ञासा के बिना अधूरी हैं. चौहान ने यह बात भोपाल के मौलाना आजाद नेशनल इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलाजी (मैनिट) में आयोजित चार दिवसीय अंतरराष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव का उद्घाटन करते हुए कही. इस महोत्सव का शुभारंभ मुख्यमंत्री चौहान और केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉक्टर जितेंद्र सिंह ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया. कार्यक्रम में प्रदेश के विज्ञान व प्रौद्योगिकी मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे.
विज्ञान महोत्सव में मुख्यमंत्री ने क्या कहा
इस महोत्सव को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि नवाचार, नए आविष्कार, वैज्ञानिक सोच भारत की संस्कृति, मिट्टी और जड़ों में है. आज से नहीं हजारों साल से भारत विज्ञान और प्रोद्योगिकी के क्षेत्र में आगे है.उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक सोच का प्रकटीकरण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हुआ है. प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में हमारे देश के विज्ञानियों ने कोविड की वैक्सीन बनाकर दुनिया को चौंका दिया.
उन्होंने कहा कि जिज्ञासा ही वैज्ञानिक सोच को जन्म देती है.हमारा सारा ज्ञान, सारी योग्यताएं जिज्ञासा के बिना बेकार हैं.जिज्ञासा जानने की इच्छा हमेशा बनी रहनी चाहिए.जिद बनी रहनी चाहिए.जिज्ञासा और जिद इसी पर हमने मध्य प्रदेश की साइंस एंड टेक्नोलॉजी की पालिसी बनाई है.सात हजार साल पहले भारत में पुष्पक विमान की कल्पना कर ली गई थी.हमारा विज्ञान सदियों वर्ष पुराना है.
भारत में सर्जरी की शुरुआत
उन्होंने कहा कि आधुनिक विज्ञान में सर्जरी का विज्ञान कुछ समय पहले शुरू हुआ, इससे पहले सुश्रुत ने सर्जरी की शुरुआत कर दी थी.भारत का दृष्टिकोण हजारों साल पुराना है.समाज में वैज्ञानिक सोच का विकास करना, तकनीक का अधिक से अधिक उपयोग करना यह मध्य प्रदेश की विज्ञान नीति का उद्देश्य है.उन्होंने युवाओं से अपील करते हुए कहा कि यदि आपके मन में कोई इनोवेटिव आयडिया आए,तो उसे रुकने मत दो,उसे जमीन पर उतारो.आपके साथ हम और मध्य प्रदेश सरकार खड़ी है. स्टार्टअप नीति इस विचार का परिणाम है.स्टार्टअप नीति में हमने तय किया है कि एक करोड़ रुपये तक की हम सहायता देंगे.इंदौर में हम स्टार्टअप पार्क बना रहे हैं. जरूरत पड़ी तो भोपाल, ग्वालियर और जबलपुर में भी बनाएंगे. वेंचर कैपिटल फंड से भी हम पैसा लगाएंगे.
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