Jabalpur News: देशभर में क्रिसमस की धूम देखने को मिल रही है. चारों ओर प्रभु यीशु के जन्म पर आज रात 12 बजे विशेष प्रार्थना की तैयारी है. जगह-जगह पर चर्च में खूबसूरत लाइटों से सजावट की गई हैं. कई राज्यों में एक से बढ़कर एक झांकियां क्रिसमस पर्व की शोभा बढ़ा रही है. जबलपुर के सभी चर्चों में आज रात प्रभु यीशु का जन्मदिन मनाया जाएगा.
दरअसल, क्रिसमस के दिन जबलपुर में खास वाइन केक मिलता है. कहते हैं कि छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी, मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री रत्नेश सालोमन (अब दोनों दिवंगत हैं) का परिवार हो या फिर गोवा के कई फेमस एंग्लो इंडियन कम्युनिटी के लोग, इसी बेकरी का केक ही क्रिसमस पर काटते हैं. बेकरी के मालिक एनोस विक्टर ने एबीपी न्यूज़ से बातचीत में बताया कि उनके केक देश-विदेश सभी जगह सप्लाई किए जाते हैं. क्रिसमस से एक महीने पहले से इसकी तैयारी शुरू हो जाती है. यहां दिन-रात भट्टी में केक पकाए जाते हैं.
आजादी के पहले शुरू की थी बेकरी
एनोस विक्टर के पिता होरी विक्टर ने आजादी के पहले गोवा से जबलपुर आकर यह बेकरी शुरू की थी. रीटा विक्टर बेकरी में लोग अपने घर से केक की सामग्री भी लाकर देते हैं. इसके बाद उन्हें केवल सर्विस चार्ज देना पड़ता है और गरमा गरम केक उनके हाथ में होता है. दिल्ली से क्रिसमस मनाने जबलपुर आई रोजलिन मैथ्यू के मुताबिक जो स्वाद और क्वालिटी यहां मिलती है, वह देश में कहीं नहीं मिल पाती. इसी वजह से लोग रीटा विक्टर बेकरी में घंटों लाइन लगाकर अपना केक बनवाते हैं. क्रिसमस डे के लिए जबलपुर में बनने वाला वाइन केक मध्य प्रदेश ही नहीं पूरे देश में प्रसिद्ध है. यही वजह है कि क्रिसमस डे के लिए गोवा, दिल्ली, गुजरात, महाराष्ट्र और बिहार से लोग वाइन केक लेने जबलपुर आते है. जबलपुर की बेकरी में तैयार होने वाले वाइन केक को छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय अजीत जोगी के परिवार ने भी ऑर्डर देकर मंगवा लिया है.
क्या है केक की खासियत
दरअसल, इस केक की खासियत यह है कि वाइन मिलने के बाद इस केक का स्वाद आम केक से बहुत ही स्वादिष्ट हो जाता है. कहते है कि इस केक को खाने के बाद हल्का सुरूर भी बन जाता है. जो क्रिसमस की खुशी में चार चांद लगा देता है. जबलपुर की रीटा विक्टर बेकरी में केक बनाने के लिए दशकों पुरानी भट्टी का इस्तेमाल किया जाता है. इसमें सिर्फ लकड़ी जलाकर केक पकाए जाते हैं. जिससे उसमें हल्का स्मोकी फ्लेवर भी आ जाता है. यहां केक बनाने के लिए कोई मशीन नहीं है, सभी काम हाथ से किया जाता है. देशी अंदाज़ में बनने वाले इस केक की कई व्हैराइटी लोगों को मिल जाती है.