CM Mohan Yadav on Bulldozer Action: देश के कई बीजेपी शासित राज्यों में आरोपियों के अवैध निर्माण पर बुलडोजर चलाने की कार्रवाई की जा चुकी है. हालांकि, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने खुल कर यह बयान दिया है कि उन्हें ये संस्कृति पसंद नहीं. सीएम ने कहा कि वह कभी भी बुलडोजर चलाने के पक्ष में नहीं रहे हैं. सीएम ने यह भी दावा किया कि वह हमेशा इसके लिए इनकार ही करते आए हैं.


मुख्यमंत्री मोहन यादव ने आज तक को दिए इंटरव्यू में ये बात कही. सीएम का यह बयान ऐसे समय में आया है जब सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर एक्शन को गलत बताते हुए इस पर रोक लगाने का आदेश दिया. सुप्रीम कोर्ट ने आदेश पारित किया कि एक अक्टूबर 2024 तक बिना कोर्ट की अनुमति के कोई भी मकान नहीं ढहाया जाएगा. हालांकि, इसमें सार्वजनिक रास्ते, स्थान और रेलवे ट्रैक शामिल नहीं हैं.


मध्य प्रदेश में कई बार हुआ बुलडोजर एक्शन
मालूम हो, साल 2023 में मोहन यादव की सरकार बनने के बाद कई बार ऐसा हुआ है कि आरोपियों के घर पर बुलडोजर की कार्रवाई की गई हो. कई आरोपियों की अवैध संपत्ति ढहाई जा चुकी है. बीजेपी कार्यकर्ता के हाथ काटने वाले आरोपी के घर पर भी बुलडोजर चलाया गया था. हालांकि, इस मामले में सीएम मोहन यादव का कहना है कि वह बुलडोजर एक्शन को पसंद नहीं करते हैं और इसको लेकर हमेशा खुल कर न बोलते रहे हैं. 


क्या था सुप्रीम कोर्ट का आदेश?
बुलडोजर संस्कृति के मामले में आदेश सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अवैध रूप से ध्वस्तीकरण के मामले संविधान के मूल्यों के खिलाफ जाते हैं. ये आदिश उन याचिकाओं की सुनवाई के दौरान दिया गया, जिसमें आरोप लगाए गए थे कि कई राज्यों में आरोपियों की संपत्तियों को ध्वस्त किया जा रहा है. आरोप ये भी लगाए गए थे कि विशेष धर्म से संबंधित आरोपियों के मकान ही ध्वस्त किए जा रहे हैं. 


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