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Paper Leak: परीक्षा घोटाले पर सख्त कानून ला रही मोहन यादव सरकार, दोषी पाए गए तो होगी 10 साल की सजा
Paper Leak Scam: पेपर लीक के कारण केंद्र सरकार की काफी किरकिरी हुई है. वहीं, अब मध्य प्रदेश सरकार ने अपने राज्य में पेपर लीक को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने का फैसला कर लिया है.
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(सीएम मोहन यादव, फाइल फोटो)
Law Against Paper Leak Scam: व्यापंम घोटाला (Vypam Scam), नीट घोटाला (NEET Scam), नर्सिंग घोटाला और पेपर लीक (Paper Leak) मामलों के बाद अब मध्य प्रदेश सरकार सख्त कानून लाने जा रही है. फिलहाल इसका अध्यादेश लागू हो सकता है. इस कानून के लागू होने के बाद एक करोड़ रुपए तक का जुर्माना और 10 साल तक की सजा हो सकती है. बताया जा रहा है कि एक्ट का प्रारुप तैयार हो गया है, इसे परीक्षण के लिए विधि विभाग को भेजा गया है.
सरकार का प्रयास है कि मौजूदा विधानसभा सत्र में ही इसे लाया जाए. इस इस मामले में प्रदेश सरकार के स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह के अनुसार प्रारुप तैयार कर रहे हैं. विधि विभाग के परीक्षण के बाद आगे की प्रक्रिया की जाएगी. इस कानून लागू होने के बाद सीधे जवाबदेही तय होगी.
कानून लागू होने के बाद यह सजा
- सर्विस प्रोवाइडर यदि गड़बड़ी को तुरंत पुलिस या परीक्षा एजेंसी को नहीं बताता तो वह भी दोषी होगा. सर्विस प्रोवाइडर उसे माना जाएगा जो परीक्षा के लिए कम्प्यूटर से लेकर अन्य संसाधन या सिस्टम उपलब्ध कराए.
- सर्विस प्रोवाइडर परीक्षा केंद्र को स्वेच्छा से नहीं बदल सकेंगे. यदि ये गड़बड़ी में पाए गए तो वे ब्लैकलिस्ट भी होंगे.
- परीक्षा में गड़बड़ी में यह साबित हो जाए कि सर्विस प्रोवाइडर से जुड़ा व्यक्ति या पदाधिकारी जिम्मेदार है तो उसे 10 साल तक सजा और एक करोड़ तक जुर्माना देना होगा.
- संगठित अपराध में सजा-जुर्माना अधिकतम होगा. जिम्मेदार लोगों की संपत्ति जब्त होगी. परीक्षा की आनुपातिक लागत उसी से वसूलेंगे.
- सभी गड़बडिय़ां गैर जमानती होंगी.
- डीएसपी या असिस्टेंट कमिश्रर के पद से नीचे का अधिकारी जांच नहीं करेगा. सरकार चाहे तो एसआईटी बना सकती है या केन्द्रीय या राज्य की एनफोर्समेंट एजेंसी को जांच दे सकती है.
स्कूल शिक्षा विभाग तैयार कर रहा प्रारुप
पेपर लीक या परीक्षा घोटालों से संबंधित कानून के लिए एक्ट के प्रारुप बनाने की जिम्मेदारी स्कूल शिक्षा विभाग को दी गई है. पूर्व में नकल रोकने और कार्रवाई से जुड़े नियम भी स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से लागू किए गए थे. विभाग ने पूर्व में एक्ट को लगभग बना लिया था. लेकिन केंद्र सरकार ने भी सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) बिल का नोटिफिकेशन करके सभी राज्यों को भेज दिया. साथ ही केंद्र ने ठोस कानून बनाने के निर्देश दिए थे. जिसके चलते अब मध्य प्रदेश भी नया और कड़ा कानून लाने की तैयारी में है.
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डॉ. अमित सिंह, एसोसिएट प्रोफेसर
Opinion