Jyotiraditya Scindia Latest News: मध्य प्रदेश में कांग्रेस नेताओं को इस बात की चिंता सता रही है कि केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के राजनीतिक क्षेत्र में एक बार फिर सिंधिया समर्थक मंत्रियों को डॉक्टर मोहन यादव सरकार ने प्रभारी मंत्री बना दिया. इससे सिंधिया का अपने क्षेत्र में एक बार फिर दबदबा बढ़ गया है, जिसको लेकर कांग्रेस लगातार उनपर निशाना साध रही है.


दरअसल, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने हाल ही में मंत्रियों को उनके जिले का प्रभार दे दिया है. इन सबके बीच केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के गृह नगर और लोकसभा क्षेत्र में आने वाले जिलों में उनके ही समर्थक मंत्रियों को प्रभार मिला है. इससे कांग्रेस नेताओं की चिंता बढ़ गई है. 


कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के.के. मिश्रा ने कहा है कि जिले का प्रभार देने में डॉक्टर मोहन यादव सरकर ने दल बदलू नेताओं को अधिक तवज्जो दी है. कांग्रेस नेताओं ने ज्योतिरादित्य सिंधिया की ओर इशारा भी किया है. प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता मुकेश नायक के मुताबिक प्रभार देने का अधिकार मुख्यमंत्री का होता है. मगर भारतीय जनता पार्टी में एक अलग ही प्रकार की राजनीति चल रही है. सिंधिया के राजनीतिक क्षेत्र में हमेशा उनके समर्थक मंत्रियों को प्रभार देना चर्चा का विषय बना रहता है. 


तुलसी सिलावट को ग्वालियर की जिम्मेदारी


केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के भरोसेमंद मंत्री तुलसी सिलावट को पूर्व में भी ग्वालियर की जिम्मेदारी मिली थी. इस बार भी तुलसी सिलवाट ही ग्वालियर के प्रभारी मंत्री हैं. सिंधिया समर्थक गोविंद सिंह राजपूत को गुना की जिम्मेदारी मिली है. जबकि शिवपुरी की जिम्मेदारी सिंधिया समर्थक ही प्रद्युमन सिंह तोमर को मिली है. इस तरह सिंधिया के राजनीतिक क्षेत्र में उनके समर्थक मंत्रियों का दबदबा कायम है. 


बीजेपी में होता है कार्यकर्ताओं का दबदबा 


भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता आशीष अग्रवाल के मुताबिक मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रशासनिक दृष्टि को ध्यान में रखते हुए मंत्रियों को प्रभार दिए हैं. उन्होंने कहा है कि कांग्रेस को इसकी चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है. भारतीय जनता पार्टी में केवल कार्यकर्ताओं का दबदबा होता है. यहां पर संगठन सर्वोपरि रहता है.


सिंधिया को निशाना बनाती है कांग्रेस


वरिष्ठ पत्रकार सुनील जैन के मुताबिक निश्चित रूप से कांग्रेस को ज्योतिरादित्य सिंधिया की वजह से काफी नुकसान उठाना पड़ा है, इसलिए वे हमेशा कांग्रेस के निशाने पर रहते हैं. कांग्रेस नेता कभी भी यह नहीं चाहेंगे कि बीजेपी में सिंधिया का कद बढ़ता जाए. यदि ऐसा होता है तो और भी नेता पार्टी के खिलाफ बगावत कर सकते हैं, इसीलिए कांग्रेस हमेशा सिंधिया को निशाना बनाती है.


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