Ujjain Ganga Dussehra: धार्मिक नगरी उज्जैन में गंगा दशहरा के अवसर पर जूना अखाड़े ने पेशवाई निकाली. जूनागढ़ के कार्यक्रम में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव भी शामिल हुए. इस दौरान साधु संतों ने शास्त्र भी चलाए. साधु संतों की पेशवाई का पूरा नजारा सिंहस्थ जैसा प्रतीत हो रहा था. 


गंगा दशहरे के अवसर पर उज्जैन में जूना खड़े द्वारा हर साल पेशवाई निकाली जाती है. इसी कड़ी में नीलगंगा क्षेत्र में जूना खड़े के साधु संतों ने पेशवाई निकालकर हर्ष और उल्लास के साथ गंगा दशहरा का पर्व मनाया. इस दौरान साधु संतों के बीच मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव भी पहुंचे. उन्होंने माता गंगा की पूजा अर्चना की और साधु संतों के बीच काफी देर तक वक्त बिताया. 


जूना अखाड़े के राधे बाबा ने बताया कि उज्जैन में मां गंगा को भी दोष से मुक्ति मिली थी, इसीलिए उज्जैन में गंगा दशहरा पर्व का काफी महत्व है. उन्होंने बताया कि जूना अखाड़ के द्वारा साधु संतों की पेशवाई निकाली जाती है. इसके बाद साधु संत नीलगंगा तालाब में डुबकी लगाते हैं. 


यह परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है. पेशवाई के दौरान साधु संतों ने शस्त्र लेकर कई कर्तब दिखाएं. महामंडलेश्वर शैलेषानंद महाराज ने चर्चा के दौरान कहा कि साधु संत शस्त्र और शास्त्र दोनों चलाना जानते हैं. जब जिसकी आवश्यकता होती है उसे चलाया जाता है.


जल गंगा संवर्धन अभियान का समापन
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने बताया कि 5 जून पर्यावरण दिवस से गंगा दशमी तक पूरे मध्य प्रदेश में जल गंगा संवर्धन आदि अभियान चलाया गया था, जिसका समापन हो गया है. इस समापन अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने प्रदेशवासियों से जल बचाने की अपील भी की है. उन्होंने कहा कि यह अभियान हर साल चलाया जाएगा.


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