(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
MP की 'लाडली बहनों' को हर महीने मिलने वाले हैं 5 हजार रुपये! CM मोहन यादव बोले- 'धीरे-धीरे बढ़ेगी राशि'
Ladli Bahna Yojana: मध्य प्रदेश की लाडली बहना योजना के तहत महिलाओं को मिलने वाली वित्तीय सहायता धीरे-धीरे बढ़ाकर 5000 रुपये की जाएगी. ये आश्वासन सीएम मोहन यादव ने महिलाओं को दिया है.
Ladli Bahna Yojana: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने शनिवार को कहा कि लाडली बहना योजना के तहत पात्र महिलाओं को दी जाने वाली मासिक वित्तीय सहायता धीरे-धीरे बढ़ाकर पांच हजार रुपये की जाएगी. पिछले साल के विधानसभा चुनाव से पहले शुरू की गई इस योजना के तहत वर्तमान में महिला लाभार्थियों के बैंक खातों में 1250 रुपये प्रति माह अंतरित किए जाते हैं.
मुख्यमंत्री के इस ऐलान पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस ने इसे 'भ्रष्ट आचरण' और मध्य प्रदेश की दो विधानसभा सीट पर उपचुनावों के लिए लागू आदर्श आचार संहिता का घोर उल्लंघन करार दिया. वहीं, सीएम मोहन यादव ने बुधनी विधानसभा सीट पर एक रैली को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘बहनों, क्या कभी किसी ने आपके खाते में पैसे जमा किए हैं? यह कांग्रेस के लोगों से पूछिए. आप (कांग्रेस) लोगों से लूटते और छीनते थे.’’
सीएम मोहन यादव ने कांग्रेस पर साधा निशाना
मालूम हो, मध्य प्रदेश में उपचुनाव के लिए 13 नवंबर को मतदान होने हैं. इस पर सीएम मोहन यादव ने कहा, "कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि यह योजना तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने चुनावों के लिए शुरू की थी और इसे बंद कर दिया जाएगा. कांग्रेस वाले शोर मचाते रहिए, हम देते रहेंगे (बैंक खातों में पैसे जमा करते रहेंगे). इसे तीन हजार रुपये से बढ़ाकर पांच हजार रुपये भी किया जाएगा. यह सरकार की नीति है."
कांग्रेस ने बताया- आचार संहिता का उल्लंघन
शनिवार शाम को आयोजित एक कार्यक्रम में सीएम मोहन यादव ने लाडली बहना योजना के लाभार्थियों के खातों में 1250 रुपये की मासिक किस्त अंतरित की. कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य एवं वरिष्ठ वकील विवेक तन्खा ने मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणा को उपचुनाव के लिए लागू चुनाव आचार संहिता का घोर उल्लंघन बताया.
तन्खा ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा, ‘‘मुख्यमंत्री जी यह आचार संहिता का घोर उल्लंघन है. भारत निर्वाचन आयोग इस पर तत्काल संज्ञान लें. मुख्यमंत्री साहब, इस बयान से आपने आज दोनों चुनाव रद्द करने का कारण दे दिया है. चुनाव कानून के अनुसार यह भ्रष्ट आचरण है.’’
यह भी पढ़ें: 'सरकार खाद मुहैया कराने के बजाय प्रचार में व्यस्त', कांग्रेस ने बताया संकट को लापरवाही का नतीजा