Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) सकल नामांकन अनुपात (GER) में राष्ट्रीय औसत से आगे निकल गया है. सीएम मोहन यादव (Mohan Yadav) ने प्रदेशवासियों को यह जानकारी दी और उन्हें इसके लिए बधाई भी दी. वर्ष 2021-22 में राष्ट्रीय स्तर पर जीईआर 28.4 फीसदी दर्ज किया गया है जबकि मध्य प्रदेश में यह 28.9 फीसदी दर्ज किया गया है. सीएम मोहन यादव ने कहा कि मध्य प्रदेश में इस मामले में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है. यह हमारी सरकार की बड़ी उपलब्धि है.
सीएम मोहन यादव ने मीडिया से बातचीत में कहा, ''मैं यह जानकारी देना चाहूंगा कि मध्य प्रदेश सरकार ने जबसे नई शिक्षा नीति लागू की है. सकल पंजीयन दर में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है. देश में 2021-22 में सकल नामांकन अनुपात यानी जीईआर 28.4 प्रतिशत दर्ज किया गया जबकि मध्य प्रदेश में उसकी तुलना में 28.9 प्रतिशत रहा. मैं सभी को बधाई देना चाहूंगा.''
हमारे लिए यह बड़ी उपलब्धि- मोहन यादव
मोहन यादव ने बीजेपी की पूर्ववर्ती और मौजूदा सरकार के कार्य की तारीफ करते हुए कहा, ''मध्य प्रदेश में सर्वाधिक नामांकन स्नातक स्तर पर हुआ है. मुझे इस बात की बेहद खुशी है. राष्ट्रीय औसत से आगे निकलना सरकार की बड़ी उपलब्धित है. पिछले तीन साल से हम चार प्रतिशत के पीछे लगे हुए थे. धीरे-धीरे हमने प्रगति की है. हमने कोविड काल की चुनौतियों का सामना करते हुए न केवल गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का स्तर बनाकर रखा बल्कि नई शिक्षा नीति को भी अपने स्तर पर लागू किया.'' बता दें कि मोहन यादव, शिवराज सिंह चौहान सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री रहे हैं. 2020 में उन्हें शिवराज सिंह चौहान कैबिनेट में मंत्री बनाया गया था.
इस तरह धीरे-धीरे आगे बढ़ा मध्य प्रदेश
उधर, पिछले कुछ वर्षों के आंकड़े को देखें तो मध्य प्रदेश में वर्ष 2015-16 में जीईआर 19.6 फीसदी था जो कि 2016-17 में 20 प्रतिशत हो गया. फिर 2017-18 में 21.2 फीसदी दर्ज किया गया. 2018-19 के वित्तीय वर्ष में बढ़कर 21.5 फीसदी हुआ. 2019-2020 में 24.2 फीसदी की वृद्धि देखी गई जब राष्ट्रीय स्तर पर सकल नामांकन अनुपात 27.1 फीसदी था. बता दें कि नेशलन जीआईआर 2035 तक 50 फीसदी करने का लक्ष्य रखा गया है.
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