Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव (Mohan Yadav) शुक्रवार (31 मई) को अचानक पीएचक्यू पहुंचे. यहां उन्होंने पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक ली. इस दौरान उन्होंने इछावर थाना प्रभारी को प्रक्रिया के अनुसार निलंबित करने के निर्देश दिए है. दरअसल कुछ दिन पहले इछावर थाना प्रभारी नीता देअरवाल ने रेत से भरे डंपरों पर कार्रवाई की थी. इस दौरान उन्होंने राजस्व और खनिज विभाग को कोई सूचना नहीं दी थी. खनिज विभाग ने शहडोल में पुलिस और पटवारी के साथ हुई दुर्घटना को ध्यान में रखते हुए एक आदेश जारी किया था. 


आदेश के अनुसार अवैध उत्खनन, भण्डारण परिवहन और ओवरलोड परिवहन पाए जाने पर पुलिस को सीधे कार्रवाई नहीं करने के निर्देश जारी किये थे. निर्देश में साफ लिखा था कि खनिजों के अवैध उत्खनन, भण्डारण परिवहन और निश्चित मात्रा से अधिक परिवहन पाए जाने पर पुलिस द्वारा इसकी सूचना अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) को दी जाएगी. अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) पुलिस द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर  कार्रवाई करेगा, लेकिन इछावर थाना प्रभारी ने बिना संयुक्त टीम के रेत से भरे डंपरों पर कार्रवाई शुरू कर दी. 


एसोसिएशन ने भी की शिकायत 
वहीं मामला सरकार के संज्ञान में आने के बाद टीआई को निलंबित करने के निर्देश जारी किये है. खनिज विभाग के आदेश की अवहेलना करने पर पुलिस पर हुई कार्रवाई का प्रदेश में यह पहला मामला है. सेंड ट्रक ऑनर्स एसोसिएशन ने भी खनिज विभाग को शिकायत की है. एसोसिएशन ने पुलिस पर 11000 हजार रुपये के चालान काटने का आरोप लगाया है. एसोसिएशन का कहना है कि रायल्टी होने के बावजूद पुलिस ने डंपर रोककर चालान काटे हैं, जिसका पुलिस ने कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया.


वहीं मुख्यमंत्री मोहन यादव ने यह भी निर्देश दिया कि वरिष्ठ पुलिस अधिकारी अपने कार्यक्षेत्र में रात्रि विश्राम के साथ ही सतत निरीक्षण भी करें. साथ कानून-व्यवस्था की दृष्टि से आदर्श स्थिति बनाये रखने के लिये चिंता करते हुए अधीनस्थ अधिकारियों और पुलिस बल से संवाद करते रहें. मुख्यमंत्री मोहन यादव ने हाल ही में अशोकनगर में कुछ आपराधिक तत्वों द्वारा शस्त्र लहराने की घटना के संदर्भ में कहा कि अपराधियों में पुलिस का खौफ होना चाहिए. अवैधानिक कार्य में साथ देने वाले परिवार के व्यक्तियों के खिलाफ भी कार्रवाई कर अपराधों पर अंकुश लगाया जाये.


स्क्रीनिंग कर ऐसे व्यक्तियों की पृष्ठभूमि की जानकारी भी तत्काल सामने आना चाहिए. दोषियों को बिलकुल भी नहीं बख्शा जाये पुलिस का एक्शन अविलंब होना चाहिए. वरिष्ठ अधिकारियों को अपने कार्यक्षेत्र में हुए अपराधों की विस्तृत जानकारी प्राप्त करते हुए अपराधिक घटनाओं को नियंत्रित करने के लिए अधीनस्थ अमले को निरंतर सचेत और मोटिवेट करते रहना चाहिए.



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