MP News: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने एक बार फिर अधिकारियों को अल्टीमेटम देते हुए कहा है कि प्रदेश के विकास और जनकल्याणकारी योजनाओं में लापरवाही किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी. उन्होंने यह चेतावनी सागर, उज्जैन और ग्वालियर-चंबल संभागों की वर्चुअल समीक्षा बैठक के दौरान दी.


मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने निवास स्थित समत्व भवन में वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक लेकर आवश्यक निर्देश दिए. इस दौरानसागर, उज्जैन और ग्वालियर-चंबल संभागों के विकास कार्यों तथा जनकल्याणकारी योजनाओं को लेकर समीक्षा भी की. बैठक में केन-बेतवा तथा पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजनाओं की महत्ता और उपयोगिता के प्रचार-प्रसार के निर्देश दिए, साथ ही जनकल्याण शिविरों की प्रगति की समीक्षा की. मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने पूर्व में दिए निर्देशों के पालन को लेकर भी अधिकारियों से जानकारी ली. 


सीएम की सख्त चेतावनी से अधिकारी सचेत


मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि सरकार की सभी जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ अंतिम पंक्ति तक पहुंचना चाहिए. मुख्यमंत्री ने कहा है कि "मैंने स्पष्ट कर दिया है, प्रदेश के विकास और लोक कल्याण की योजनाओं में कहीं कोई लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी". इसके पहले भी मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव कई बार बैठक के दौरान अधिकारियों को चेतावनी दे चुके हैं लेकिन इस बार उन्होंने सख्त चेतावनी देकर अधिकारियों को सचेत कर दिया है.


जन कल्याणकारी अभियान पर फोकस


मध्य प्रदेश सरकार को 1 वर्ष का कार्यकाल पूरा हो गया है. इस मौके पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने अधिकारियों को समीक्षा बैठक के दौरान निर्देश दिए कि जो जनकल्याण अभियान चलाया जा रहा है, उसमें सभी योजनाओं का लाभ लोगों तक पहुंचे. इस अभियान को लेकर जिला प्रशासन का पूरा फोकस होना चाहिए. 


गौरलतब है कि बीते साल लोकसभा चुनाव से ठीक पहले मध्य प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी को प्रचंड जीत मिली थी. जिसके बाद राज्य की कमान शिवराजसिंह चौहान की जगह डॉ मोहन यादव को दे दी गई. हालांकि उनका नाम मुख्यमंत्री के लिए आगे किए जाने पर शिवराजसिंह चौहान ने थोड़ी नाराजगी भी दिखाई लेकिन बाद उन्हें केंद्रीय मंत्री बना दिया गया. 


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