MP CM Rise School: वैसे तो दिल्ली (Delhi) की केजरीवाल सरकार (Kejriwal Government) हमेशा बीजेपी (BJP) नेताओं के निशाने पर रहती है. लेकिन बात जब स्कूलों में सुधार की हो तो बीजेपी शासित राज्य भी केजरीवाल सरकार का मॉडल अपनाना चाहती है. यही कारण है कि मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की शिवराज सरकार (Shivraj Government) ने भी दिल्ली मॉडल के स्कूलों का अध्ययन करने प्राचार्यों का दल दिल्ली भेजा था. बताया जा रहा है कि दिल्ली मॉडल मध्य प्रदेश में शुरू होने वाले 'सीएम राइज स्कूल' में अपनाया जा सकता है.


गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में शिवराज सरकार अगले आठ साल में 9,200 सीएम राइज स्कूल खोलने जा रही है. इस प्रोजेक्ट पर चरणबद्ध तरीके से 7,000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. फिलहाल सरकार अगले साल तक 350 स्कूल खोलने का लक्ष्य लेकर चल रही है. सीएम राइज स्कूल योजना के तहत चयनित प्राचार्यों को 11 और 12 अप्रैल को दिल्ली के अलग-अलग स्कूलों का भ्रमण कराया गया और इसके लिए 82 प्राचार्यों का चयन किया गया था.




प्राइवेट एजेंसी के पास होगा सीएम राइज स्कूल का पूरा जिम्मा!


बताया जा रहा है कि दिल्ली मॉडल पर आधारित इन स्कूलों का प्रोजेक्ट भले ही सरकारी हो, लेकिन इनके बजट, खर्च और मॉनिटरिंग का पूरा जिम्मा एक प्राइवेट एजेंसी को दिया जाएगा. सरकारी इंफ्रास्ट्रक्चर, स्टाफ वाले इन स्कूलों को प्राइवेट स्कूलों से बेहतर बनाने के लिए क्या-क्या करना है, यह एजेंसी ही तय करेगी. स्कूल स्टाफ, उनका चयन, ट्रांसपोर्टेशन प्लानिंग, हर स्कूल के लिए गोल सेटिंग, दूसरे स्टेक होल्डर का अप्रेजल इवैल्यूएशन का काम भी एजेंसी करेगी. अभी यह काम स्कूल शिक्षा विभाग में एक एडिशनल डायरेक्टर के अअधीन इंटर डिपार्टमेंटल प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट कर रही है. स्कूलों के संचालन के लिए 18 कमेटियां बनी हैं.


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