Satna News: मध्यप्रदेश सरकार(MP Government) जनभागीदारी से कुपोषण(malnutrition)के खिलाफ लड़ाई लड़ रही है. कुछ दिनों पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने अपने रेडियो कार्यक्रम मन की बात में कुपोषण के खिलाफ मध्यप्रदेश के प्रयासों की सराहना की थी. मध्य प्रदेश प्रमुख शिवराज सिंह चौहान(Shiv Raj Singh Chauhan) ने कुपोषण को खत्म करने के लिए कई नवाचारों के माध्यम से इस अभियान में जनता को जोड़ने का काम किया है. पोषण कॉर्नर, पोशन मटका और मेरा बच्चा अभियान जैसे प्रयास किए जा रहे हैं.
वही मध्यप्रदेश में एक एक आंगनबाड़ियों को जनप्रतिनिधि से लेकर अफसरों समाजसेवी ने कुपोषण दूर करने के लिए गोद ली है. लेकिन मध्यप्रदेश के सतना जिले के आदिवासी बहुल क्षेत्र मझगांव से एक ऐसी तस्वीर सामने निकल कर आई है जो कुपोषण का दंश अब तक झेल रही है.
सोशल मीडिया पर बच्ची का वीडियो हुआ वायरल
सरकारी लापरवाही से चित्रकूट से लगे सुंरगी गांव में कुपोषण की डरावनी तस्वीर सामने आई है. 7 साल की सोमवती मवासी कुपोषित है उसकी हड्डियों से चमड़ी चिपक गई है. हाथ पैर सूख गए हैं आंखें धंस गई है. परिजनों का कहना है पोषण आहार और इलाज नहीं मिल रहा है. इस बच्ची का वीडियो सोशल मीडिया पर जब वायरल हुआ तो हड़कंप मच गया. इस बीच जब यह मामला मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान तक पहुंचा तो अफसरों ने तत्काल बच्ची को जिला अस्पताल में भर्ती कराया.मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खुद ट्वीट किया कि सोमवती के इलाज की व्यवस्था कलेक्टर को करने के निर्देश दिए गए हैं, उनके पालन की व्यवस्था की जाएगी.
बच्चों के स्वास्थ्य का परीक्षण किया जाता है
लेकिन मध्य प्रदेश सरकार कुपोषण को समाप्त करने के लिए एक बड़ा अभियान चला रही है. इसके साथ ही अधिकारियों-कर्मचारियों और जन-प्रतिनिधियों द्वारा कुपोषित बच्चों को गोद लेने के साथ-साथ सुपोषण मेलों के माध्यम से हर तीन महीने में बच्चों के स्वास्थ्य का परीक्षण किया जाता है.स्वास्थ्य और आयुष विभाग एवं जन-भागीदारी से दवाइयां एवं स्वच्छता तथा कुपोषण किट का वितरण किया जाता है. जो व्यक्ति या अधिकारी कुपोषित बच्चे को तीन माह में स्वस्थ बनाता है उसे "पोषण वीर सम्मान" से सम्मानित किया जाता है. गीत व भजनों के माध्यम से आंगनबाडी केंद्र में महिलाओं व बच्चों की उपस्थिति बढ़ी है. इसके बाद भी सतना जिले में कुपोषण दर में कमी नहीं आ रही है.
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