MP News: मानहानि मामले में बढ़ सकती हैं सीएम शिवराज की मुश्किलें, 29 अप्रैल को विवेक तंखा के होंगे बयान
Madhya Pradesh News: बीजेपी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस और विवेक तंखा ओबीसी आरक्षण नहीं चाहते हैं. यही वजह है कि सुप्रीम कोर्ट में कांग्रेस की ओर से तंखा द्वारा ओबीसी आरक्षण का विरोध किया गया.
Jabalpur News: मानहानि से जुड़े मामले में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, मंत्री भूपेन्द्र सिंह और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वी डी शर्मा की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. राज्यसभा सदस्य और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तंखा द्वारा दायर 10 करोड़ की मानहानि के मुकदमे पर 29 अप्रैल को न्यायालीन कार्यवाही शुरू हो रही है.
मानहानि के इस मामले में तंखा के पक्ष में पैरवी करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल कोर्ट में हाजिर रहेंगे. पंचायत चुनाव में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) को 27 प्रतिशत आरक्षण सुप्रीम कोर्ट द्वारा रद्द करने का आदेश आने के बाद बीजेपी नेताओं ने तंखा को ओबीसी विरोधी नेता बताया था. बता दें साल 2021 में सुप्रीम कोर्ट ने पंचायत चुनाव में 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण पर रोक लगा दी थी. इस दौरान विवेक तंखा ने याचिकाकर्ताओं की ओर से पंचायत और निकाय चुनाव में रोटेशन और परिसीमन को लेकर पैरवी की थी.
झूट और सच्च का ट्रायल की शुरुआत जबलपुर मजिस्ट्रेट कोर्ट अप्रैल २९। विवेक तनखा बनाम
— Vivek Tankha (@VTankha) April 25, 2023
( @ChouhanShivraj जी , @vdsharmabjp जी @bhupendrasingho
जी। बीजेपी लीडर्स ने शब्दों एवं आचरण और असत्य एवं झूठे बयान बाज़ी कर मेरे विरुद्ध प्रदेश १/२
विवेक तंखा पर व्यक्तिगत हमला
इसके बाद मध्य प्रदेश के बीजेपी नेताओं ने कांग्रेस के साथ विवेक तंखा को आड़े हाथों लेना शुरू कर दिया था. बीजेपी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस और विवेक तंखा ओबीसी आरक्षण नहीं चाहते हैं. यही वजह है कि सुप्रीम कोर्ट में कांग्रेस की ओर से तंखा द्वारा ओबीसी आरक्षण का विरोध किया गया. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, मंत्री भूपेन्द्र सिंह और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वी डी शर्मा ने बयानबाजी के दौरान कांग्रेस सांसद और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील विवेक तंखा पर व्यक्तिगत हमला किया था. तीनों बीजेपी नेताओं ने उन्हें ओबीसी विरोधी बताया.
29 अप्रैल को दर्ज होंगे बयान
बीजेपी नेताओं की तमाम बयानबाजी के बीच राज्यसभा सांसद विवेक तंखा ने भी अपनी सफाई देते हुए बयान जारी किया था. उन्होंने कहा कि उनकी याचिका में केवल पंचायत चुनाव में रोटेशन की बात थी. ओबीसी आरक्षण का कोई जिक्र नहीं था लेकिन इसके बावजूद भी लगातार बीजेपी विवेक तंखा के साथ कांग्रेस पर निशाना साधते रही. बाद में वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तंखा द्वारा मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वी डी शर्मा और मंत्री भूपेंद्र सिंह के खिलाफ 10 करोड़ की मानहानि का नोटिस भेजा गया. 29 अप्रैल को जबलपुर जिला अदालत में आवेदक विवेक तंखा के बयान दर्ज किए जाएंगे. इसके बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मंत्री भूपेंद्र सिंह और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा को बयान के लिए समन किया जाएगा.
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