Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में नर्सिंग काउंसिल की रजिस्ट्रार सुनीता शिजू को पद से हटाकर मूल विभाग में वापस भेज दिया गया है. यह कार्रवाई सरकार ने मध्य प्रदेश हाई कोर्ट (High Court) की सख्ती के बाद की गई. हालांकि इसके बावजूद याचिकाकर्ता सरकार की कार्रवाई से संतुष्ट नहीं है. उसने कोर्ट को बताया कि सुनीता को स्टाफ नर्स के मूल पद पर गांधी मेडिकल कॉलेज (Gandhi Medical College) भोपाल (Bhopal) भेजकर संरक्षण दिया जा रहा है.
हाई कोर्ट में राज्य सरकार की ओर से गुरुवार को कार्रवाई रिपोर्ट (Action Taken) प्रस्तुत की गई. शासन की ओर से बताया गया कि संचालक चिकित्सा शिक्षा ने सुनीता शिजू को मान्यताओं में अनियमितता और परीक्षाओं में देरी सहित विभाग की छवि धूमिल करने के संबंध में कारण बताओ नोटिस जारी किया है. सरकार ने कहा कि सुनीता शिजू को रजिस्ट्रार के पद से हटाकर स्टाफ नर्स के मूल पद पर गांधी मेडिकल कॉलेज भोपाल भेज दिया गया है.
कोर्ट ने दिया था 24 घंटे का अल्टीमेटम
सरकार की कार्रवाई को रिकॉर्ड पर लेते हुए हाई कोर्ट ने मामले पर अगली सुनवाई ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद 12 जून वाले सप्ताह में नियत की है. मध्य प्रदेश लॉ स्टूडेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष विशाल बघेल की याचिका पर सुनवाई के दौरान बुधवार को हाई कोर्ट ने सुनीता पर कार्रवाई के संबंध में सरकार को 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया था. नर्सिंग कॉलेज फर्जीवाड़ा से जुड़े मामले में हाईकोर्ट की सख्ती के बाद सरकार एक्शन में आई और नर्सिंग काउंसिल की रजिस्ट्रार सुनीता शिजू को पद से हटा दिया.
याचिकाकर्ता ने सरकार पर लगाया ये आरोप
गौरतलब है कि रजिस्ट्रार सुनीता सिजु को 2021-22 में फर्जी कॉलेजों को मान्यता देने के मामले में हाईकोर्ट द्वारा निलंबित किया गया था. इसके बाद सरकार ने सिजु पर कोई कार्रवाई करने की बजाय चुपचाप रजिस्ट्रार के पद पर बहाल कर दिया. याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता आलोक वागरेचा ने सुनीता शिजू को केवल नोटिस जारी करने को कमजोर कार्रवाई बताकर सरकार पर संरक्षण देने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि अनियमितता करने वाली रजिस्ट्रार को उनके पद से हटाकर भोपाल में ही पदस्थ कर दिया गया है. कोर्ट ने इस पर नाराजगी जाहिर की तो शासन ने उपयुक्त कार्रवाई के लिए मोहलत मांगी.
हाई कोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता द्वारा यह भी आपत्ति ली गई थी कि पूर्व में निलंबित की गई रजिस्ट्रार चंद्रकला दिवगैयां के खिलाफ पिछले दो साल में क्या कार्रवाई की गई है. उसकी रिपोर्ट भी कोर्ट में पेश नहीं की गई. इस पर भी कोर्ट ने सरकार को अगली सुनवाई के दौरान पूर्व रजिस्ट्रार पर की गई कार्रवाई की रिपोर्ट भी पेश करने को कहा है.
ग्वालियर के केस नहीं आएंगे जबलपुर
बुधवार को सुनवाई के दौरान सरकार द्वारा आवेदन पेश कर ग्वालियर में चल रहे नर्सिंग फर्जीवाड़े से संबंधित 38 प्रकरणों को जबलपुर में ट्रांसफर करने का आवेदन पेश किया गया था. याचिकाकर्ता लॉ स्टूडेंट्स एसोसिएशन द्वारा इस पर आपत्ति की गई, जिसके बाद हाइकोर्ट ने उन प्रकरणों को जबलपुर में ट्रांसफर करने से इंकार कर दिया.
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