(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Har Ghar Tiranga Campaign: सीएम शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल के जुमेराती डाकघर पर फहराया तिरंगा, जानिए इस इमारत का इतिहास
MP News: भोपाल का जुमेराती डाकघर शहर की एकमात्र शासकीय इमारत है,जहां देश की आजादी के वक्त यानी 15 अगस्त 1947 को तिरंगा फहराया गया था. उस समय भोपाल रियासत में तिरंगा फहराने पर पाबंदी लगी हुई थी.
भोपाल: 'आजादी के अमृत महोत्सव' के तहत 13 से 15 अगस्त तक 'घर-घर तिरंगा अभियान'चलाया जा रहा है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राजधानी भोपाल के जुमेराती स्थित शहर के सबसे पुराने डाकघर पर तिरंगा फहराया. इस तरह उन्होंने औपचारिक तौर पर इस अभियान की शुरूआत की. इस अभियान के लिए जुमेराती डाकघर को तिरंगा रंग में सजाया गया था. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह दोपहर करीब 12 बजे जुमेराती डाकघर पहुंचे और तिरंगा फहराया. मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर वरिष्ठ नागरिकों का सम्मान भी किया.
सीएम शिवराज ने तिरंगा फहराकर क्या कहा
कार्यक्रम में सीएम शिवराज ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि हम सब जानते हैं कि 15 अगस्त 1947 को हमारा देश आजाद हुआ था. आजादी का यह 75वां वर्ष है, लेकिन भोपाल रियासत के नवाब ने भारत में विलय से मना कर दिया था. अनेक क्रांतिकारियों और नागरिकों ने भारत में भोपाल के विलीनीकरण के लिए आंदोलन चलाया. इस आंदोलन में अनेक लोग शहीद हुए. इस तरह एक जून 1949 को भोपाल का भारत में विलय हो पाया. भोपाल के भारत में विलय से पहले ही भोपाल के इस ऐतिहासिक जुमेराती पोस्ट ऑफिस पर क्रांतिकारियों ने तिरंगा फहराया था. आप सबसे आग्रह करने आया हूं कि हम सब अपने-अपने घरों और दुकानों पर भी तिरंगा फहराएंगे.
भोपाल के विलीनीकरण से पूर्व ऐतिहासिक जुमेराती पोस्ट ऑफिस पर क्रांतिकारियों ने तिरंगा फहराया था। आप सबसे आग्रह है कि आज 13 से 15 अगस्त तक अपने घरों-दुकानों पर तिरंगा फहराइये।#Bhopal में #HarGharTiranga अभियान अंतर्गत गणमान्य साथियों के साथ तिरंगा फहराया।https://t.co/WpjQWtvag5 https://t.co/og3HrnQ1KE pic.twitter.com/HBLJa43ab3
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) August 13, 2022
जुमेराती डाकघर का इतिहास
भोपाल का जुमेराती डाकघर शहर की एकमात्र शासकीय इमारत है,जहां देश की आजादी के वक्त यानी 15 अगस्त 1947 को तिरंगा फहराया गया था. दरअसल उस समय देश अलग-अलग रियासतों में बंटा हुआ था. भोपाल रियासत के नवाब हमीदुल्ला खान अपनी रियासत का भारत में विलय कराने की जगह पाकिस्तान में मिलाना चाहते थे. उनके राज में रियासत में तिरंगा फहराने पर भी प्रतिबंधित था.देश की आजादी के दिन पूरी रियासत में केवल जुमेराती का डाकघर ही केंद्र का कार्यालय था. इसलिए केवल उसी इमारत पर राष्ट्रध्वज फहराया गया था.
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