Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) ने सोमवार सुबह मॉर्निंग मीटिंग की शुरुआत की थी. वहीं बैठक के दौरान सीएस पीएस दोनों अफसर भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़े. दरअसल बैठक शुरु होनी थी मध्यान भोजन की लेकिन इसी बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने झाबुआ एसपी अरविंद तिवारी को तत्काल हटाने का निर्देश दे दिया. इसके बाद से मध्य प्रदेश पुलिस महंकमे में हड़कंप मच गया.
क्या है पूरा मामला
दरअसल रविवार रात पॉलिटेक्निक कॉलेज के हॉस्टल में शराब के नशे में कुछ छात्र लड़ाई झगड़ा कर रहे थे. इसी बीच कुछ छात्र शिकायत लेकर थाने पहुंचे लेकिन पुलिस ने उन्हें वापस हॉस्टल भेज दिया. इसके बाद कुछ छात्रों ने झाबुआ एसपी अरविंद तिवारी को फोन लगाया प्रोटेक्शन की मांग कर रहे थे लेकिन उल्टा एसपी अरविंद तिवारी छात्रों से बदतमीजी की और उनको खुद अंदर करने की बात की. वहीं झाबुआ एसपी अरविंद तिवारी का सोशल मीडिया पर तेजी से ऑडियो वायरल हो रहा है. झाबुआ एसपी अरविंद तिवारी को भोपाल पुलिस मुख्यालय पर अटैच कर दिया गया.
मध्यान भोजन की व्यवस्था सुधारें
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बैठक के दौरान खनिज मंत्री विजेंद्र प्रताप सिंह और इंदर सिंह परमार के बीच शिकायत लेटर जो मध्यान भोजन से जुड़ा हुआ है और जो वायरल हुआ. उस शिकायत को लेकर मुख्यमंत्री अफसरों के साथ बैठक कर रहे थे. इसमें खनिज मंत्री के क्षेत्र पन्ना जिले के अजयगढ़ ब्लॉक के करीब 100 स्कूलों में 6 महीने से माध्यान भोजन नहीं बांटा गया है इसको लेकर बृजेंद्र प्रताप सिंह ने शिकायत लेटर इंदर सिंह परमार शिक्षा मंत्री को लिखा था. इस पूरे मामले को लेकर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने अफसरों की क्लास लगा दी और सख्त निर्देश भी जारी कर दिए कि जल्दी मध्यान भोजन की व्यवस्था सुधारें और आगे से यह शिकायत नहीं होनी चाहिए .
छात्रों से की अभ्रदता
पॉलिटेक्निक कॉलेज झाबुआ के कुछ छात्र कल देर रात झाबुआ कोतवाली पहुंचे थे. उन्होंने सीनियर छात्रों पर बदसलूकी और रैगिंग के आरोप लगाए थे और अपनी सुरक्षा की मांग भी की थी. जब कुछ देर रुकने के बाद भी कोतवाली पुलिस द्वारा कोई एक्शन नहीं लिया गया तो एक छात्र ने सीधे एसपी अरविंद तिवारी को फोन लगाया और इस मामले की जानकारी दी. वहीं एसपी ने उनके साथ गाली-गलौज और अभद्रता की जब यह मामला सीएम शिवराज सिह के संज्ञान में पहुंचा तो सीएम ने एसपी को तुरंत हटाने का आदेश दे दिया.