MP Agriculture Minister Viral Video: पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी ने ओडिशा में अपने भाषण में कहा था कि सरकार जब दिल्ली से ₹1 भेजती है, तो जनता के पास पहुंचते-पहुंचत 15 पैसे ही रह जाते हैं. जब भ्रष्टाचार की बात होती है, 1985 में राजीव गांधी द्वारा दिए गए इस बयान को अभी भी याद किया जाता है. मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार के कृषि मंत्री कमल पटेल ने वर्तमान परिस्थिति में भी एक ऐसा बयान दिया है, जो सुनने में तो विवादास्पद लग सकता है, मगर सत्य है.
कृषि मंत्री ने कहा कि मनरेगा योजना में आदिवासी क्षेत्रों में मशीनों से काम कराकर करोड़ों का भ्रष्टाचार होता था. इस भ्रष्टाचार में अधिकारी ही नहीं, बल्कि जनप्रतिनिधि भी शामिल रहते थे. यह बयान उन्होंने कई सरपंचों की मौजूदगी में दिया.
'मनरेगा में ऑनलाइन हाजिरी की प्रक्रिया गलत'
इन दिनों मध्य प्रदेश में सरपंच संघ द्वारा हड़ताल की जा रही थी. सरपंच संघ ने अपनी 14 सूत्री मांगों को लेकर पूरे एमपी में पंचायत के भवनों पर ताला डाल दिया. सरपंच संघ के पदाधिकारियों का कहना था कि सरकार को कुछ नीति में परिवर्तन करना चाहिए. खासतौर पर मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी) के भुगतान से जुड़ी व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े किए गए. सरपंच संघ का कहना था कि मनरेगा में मजदूरों की ऑनलाइन हाजिरी और भुगतान की प्रक्रिया गलत है. ग्रामीण इलाकों में नेटवर्क नहीं मिलने की वजह से ऑनलाइन व्यवस्था ठप हो जाती है. इससे मजदूरों की मजदूरी नहीं मिल पा रही है.
इसके चलते सरपंच और मजदूरों के बीच विवाद की स्थितियां बन रही हैं. इसके अलावा, मजदूरों को 204 रुपये प्रतिदिन की हाजिरी से भुगतान हो रहा है. यह राशि बेहद कम है. इसे 340 रुपये किया जाना चाहिए. इसके अलावा, ग्रामीण क्षेत्रों में होने वाले विकास कार्यों की मंजूरी का अधिकार ग्राम सभा को ही दिया जाना चाहिए.
वर्तमान में केवल पंचायत द्वारा 20 कार्यों की ही स्वीकृति दी जा सकती है, ऐसे प्रतिबंध हटने चाहिए. कृषि मंत्री कमल पटेल ने आश्वासन दिया कि पूरी मांग मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और ग्रामीण विकास मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया तक पहुंचा दी जाएगी. इसका शीघ्र ही निराकरण भी निकलेगा. कृषि मंत्री कमल पटेल के मुताबिक, उनके हरदा में सरपंचों के सामने दिए गए आश्वासन के बाद मध्य प्रदेश के सभी सरपंचों ने हड़ताल खत्म कर दी है.
सरपंच संघ की मांग पर कृषि मंत्री ने कही बड़ी बात
कृषि मंत्री कमल पटेल ने सरपंचों की सभी मांगों को सुना और इसके बाद कहा कि पहले मनरेगा में काफी भ्रष्टाचार हुआ है. खासतौर पर आदिवासी इलाकों में मशीनों से काम करवा कर करोड़ों रुपये का भ्रष्टाचार किया गया. मजदूरों को उनकी मजदूरी भी नहीं मिल पाई. कृषि मंत्री ने यह भी कहा कि जहां पर भ्रष्टाचार हुआ है, वहां अधिकारी और जनप्रतिनिधि ने मिलकर गड़बड़ी की है. इसी के चलते सरकार ने पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाते हुए सब कुछ ऑनलाइन कर दिया है. जहां पर नेटवर्क की व्यवस्था ठीक नहीं है, वहां पर ऑफलाइन व्यवस्था की जाएगी.
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