MP News: मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) के मदरसों की जांच के एलान के बाद राजनीति गर्म होने वाली है. राजधानी भोपाल (Bhopal) में लॉ एंड ऑर्डर को लेकर एक उच्च स्तरीय बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्य प्रदेश में अवैध मदरसे या संस्थान, जहां कट्टरता का पाठ पढ़ाया जा रहा है, उसका रिव्यू किया जाएगा. कट्टरता और अतिवाद बर्दाश्त नहीं की जाएगी. शिवराज सिंह चौहान के इस बयान को राजनीतिक चश्मे से भी जोड़कर देखा जा रहा है.
सीएम ने बुलाई थी बैठक
यहां बता दें कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को प्रदेश में लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति की समीक्षा के लिए बैठक बुलाई थी. बैठक में गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा के साथ पुलिस और सिविल प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे. बैठक में सीएम ने अवैध मदरसों पर पैनी नजर रखने के लिए सख्त निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि अवैध मदरसों और कट्टरता का पाठ पढ़ाने वाले संस्थानों पर नजर रखें. इन सभी संस्थानों का रिव्यू किया जाए. कट्टरता और अतिवाद फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई करें.
काफी पुराना है मुदृा
हालांकि, उत्तर प्रदेश के बाद मध्य प्रदेश में भी मदरसों के सर्वे का मुद्दा काफी पुराना है. तकरीबन 1 साल पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश के सभी सरकारी सहायता प्राप्त और निजी मदरसों का सर्वे करने के निर्देश दिए थे. इस दौरान बाद में यह मामला ठंडे बस्ते में चला गया था. अब एक बार फिर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के इस एलान के बाहर बोतल में बंद मदरसे का जिन्न बाहर निकल आया है.
जनमानस की सामने आएगी प्रतिक्रिया
सरकार के खबरिया विभाग से जुड़े एक उच्च पदस्थ सूत्र का कहना है कि फिलहाल इस मामले को उछाल कर सरकार पब्लिक डिबेट कराना चाहती है. इस बहस से मदरसे के मामले में आम जनमानस की प्रतिक्रिया भी सामने आएगी, जिसके आधार पर सरकार अगले चुनाव के हिसाब से प्रचार की रणनीति बनाएगी.
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