(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
MP Politics: गंगा किनारे बैठे सीएम शिवराज सिंह चौहान की तस्वीर पर सियासत, अब कमलनाथ ने उठाए सवाल, जानें- क्या कहा?
चुनावी समय में किस बात और तस्वीर पर सियासत शुरू हो जाए, यह कौन जानता है. कुछ ऐसा ही सीएम शिवराज सिंह चौहान के साथ हो रहा है. उनकी एक तस्वीर पर प्रतिक्रियाओं का दौर जारी है.
MP News: मध्य प्रदेश में फिलहाल विधानसभा चुनाव चल रहे हैं और राजनीतिक गलियारों में दावों और वादों का दौर जारी है. इस बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक तस्वीर पोस्ट की. अब इस तस्वीर पर सिसासी प्रतिक्रियाएं आना शुरू हो गई हैं. सीएम ने गंगा नदी किनारे बैठे तस्वीर जारी की. सोशल मीडिया साइट एक्स पर एक पोस्ट में शिवराज सिंह चौहान ने लिखा- माँ गंगा भारतीय संस्कृति का पुण्य प्रवाह; यही संस्कृति भौतिकता की अग्नि में दग्ध विश्व मानवता को शाश्वत शांति के पथ का दिग्दर्शन करायेगी.
उनकी इस तस्वीर पर अब कांग्रेस की एमपी इकाई के चीफ और पूर्व सीएम कमलनाथ ने प्रतिक्रिया दी. उन्होंने गंगाजल पर जीएसटी का मुद्दा उठाया. पूर्व सीएम ने लिखा- मुख्यमंत्री जी को ये ज्ञात होना चाहिए कि जिस पूजनीय गंगा माँ के किनारे शांति की तलाश में वो कैमरे की टीम के साथ गये, उस गंगा माँ के ‘गंगाजल’ पर उनके दल की BJP सरकार द्वारा ही जीएसटी लगाकर धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया गया है.
मुख्यमंत्री जी को ये ज्ञात होना चाहिए कि जिस पूजनीय गंगा माँ के किनारे शांति की तलाश में वो कैमरे की टीम के साथ गये, उस गंगा माँ के ‘गंगाजल’ पर उनके दल की भाजपा सरकार द्वारा ही जीएसटी लगाकर धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया गया है।
— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) October 11, 2023
मुझे आशा है कि भाजपा में भी जो कुछ अच्छे नेता…
कांग्रेस नेता ने लिखा- मुझे आशा है कि BJP में भी जो कुछ अच्छे नेता और समर्थक बचे हैं, वो भी ‘गंगाजल पर जीएसटी’ लगाने के हमारे इस विरोध का समर्थन करेंगे.
माँ गंगा भारतीय संस्कृति का पुण्य प्रवाह; यही संस्कृति भौतिकता की अग्नि में दग्ध विश्व मानवता को शाश्वत शांति के पथ का दिग्दर्शन करायेगी। pic.twitter.com/m9UQy883zB
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) October 10, 2023
कमलनाथ ने लिखा- BJP ने पहले राजनीति को व्यवसाय बना दिया, अब गंगा के पवित्र जल को भी व्यापार समझकर उस पर भी टैक्स लगा रही है. ‘गंगाजल’ पर टैक्स लगाना BJP का आध्यात्मिक भ्रष्टाचार है.