MP Politics: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) ने कांग्रेस पर आजादी के नायकों को भुलाने का आरोप लगाया है. जबलपुर में रानी अवंती बाई बलिदान दिवस कार्यक्रम में बोलते हुए सीएम शिवराज ने कहा कि कांग्रेस को सिर्फ एक ही परिवार आजादी का नायक नजर आता है. हालांकि, इस कार्यक्रम में ताज्जुब की बात यह रही कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपनी लोकलुभावन नीतियों का बखान करने से बचते रहे.


1857 की क्रांति में अंग्रेजों से लोहा लेने वाली रानी अवंती बाई की जन्मस्थली जबलपुर जिले का मनकेड़ी गांव है. यहां अवंती बाई की आदमकद प्रतिमा के अनावरण पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रानी अवंती बाई की वीरगाथा का बखान करते हुए मनकेडी में स्मारक और पार्क का निर्माण करने की घोषणा की.


'रानी अवंती बाई ने संभाली क्रांति की कमान'
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि राजा रघुनाथ शाह-शंकर शाह के बलिदान के बाद रानी अवंती बाई ने क्रांति की कमान संभाली थी. क्योंकि उनके पास सैन्य बल पर्याप्त नहीं था, इसलिए उन्होंने लड़ाई में हार जाने के बाद अंग्रेजों के हाथों मारे जाने के बजाए खुद कटार घोंप कर अपनी जान दे दी थी. इसके पहले रानी ने रणचंडी बनकर अग्रेंजों के साथ संघर्ष किया था.


'असली नायकों को नहीं मिला उचित सम्मान'- सीएम शिवराज
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यह भी आरोप लगाया कि मध्य प्रदेश में 50 साल के शासन में कांग्रेस ने आजादी के असली नायकों को उचित सम्मान और जगह नहीं दी. यह बात मेरे मन को पीड़ा पहुंचाती है. इतिहास में अंग्रेजों से लोहा लेने वालों को जगह नहीं दी गई. आजादी की लड़ाई में एक ही परिवार का बखान किया गया. गांधी जी के साथ केवल जवाहर लाल नेहरू और इंदिरा का नाम लिया जाता है. 


सीएम शिवराज ने कहा कि वह गांधी जी का बहुत सम्मान करते हैं और उनके योगदान को नहीं भुलाया जा सकता, लेकिन इसके अलावा कांग्रेस ने तमाम क्रांतिकारियों को इतिहास में जगह नहीं दी.


सीएम शिवराज ने जल्दी में खत्म किया भाषण
मनखेड़ी में रानी अवंती बाई बलिदान दिवस पर आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के भाषण में एक बात बहुत चौंकाने वाली थी. उन्होंने ना तो अपनी लाडली बहना योजना का जिक्र किया और ना ही किसी अन्य चुनावी वादे को भाषण में लाए. शिवराज सिंह चौहान यहां बहुत जल्दबाजी में नजर आए और उन्होंने कई वक्ताओं को रोकते हुए अपना भाषण पहले खत्म किया. उन्होंने कहा भी कि उन्हें बालाघाट के लांजी में एक बड़े कार्यक्रम में जाना है, इसलिए यहां ज्यादा समय नहीं दे पा रहे हैं. एक बार तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान किसी अन्य वक्ता का नाम आने पर भाषण देने के लिए उठ खड़े हुए थे.


यह भी पढ़ें: Bhopal News: भोपाल में संवारी जाती हैं साधु-संतों की जटाएं, देश के पहले 'ब्रेडिंग स्टूडियो' की शुरुआत