MP Elections 2023: चुनावों से पहले शिवराज सरकार का नया दांव, ग्राम सभाओं में होगी राज्य के बजट पर चर्चा!
मध्य प्रदेश में इस साल चुनाव है, उससे पहले शिवराज सरकार ने अपने कार्यकाल का आखिरी बजट पेश किया है. बजट में कई अहम घोषणाएं की गई हैं और अब राज्य सरकार इसपर ग्राम सभाओं में चर्चा करने की सोच रही है.
MP Politics: मध्य प्रदेश सरकार का बजट आ चुका है, इस बजट से पहले आए आर्थिक सर्वेक्षण (Economical Survey) से सरकार उत्साहित है. वहीं बजट में हर वर्ग की जिंदगी को बेहतर बनाने के प्रावधान किए जाने के सरकार की ओर से वादे किए गए हैं. इस बजट पर जहां विभिन्न वर्गों से जुड़े लोगों से संवाद का क्रम शुरु हुआ है तो वहीं सरकार इस बजट पर ग्राम सभाओं (Gram Sabha) में भी चर्चा कराए जाने का मन बना रही है.
अटल बिहारी वाजपेई सुशासन और नीति विश्लेषण संस्थान और मध्यप्रदेश राज्य नीति और साथ ही योजना आयोग की कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में संवाद श्रंखला के पहले कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan) ने कहा है कि सामान्यत: राज्य के बजट और आर्थिक सर्वेक्षण को अर्थशास्त्री और विशेषज्ञों का विषय माना जाता है.
'ग्राम सभाओं में भी बजट पर चर्चा हो'
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने पिछले साल से राज्य का बजट बनाने में जनता के सुझावों को शामिल करना आरंभ किया. इस वर्ष चार हजार से अधिक सुझाव प्राप्त हुए, जिनमें से अधिकांश को राज्य के बजट में शामिल किया गया है. अब बजट का क्रियान्वयन भी जन-भागीदारी के साथ करने के उद्देश्य से आर्थिक सर्वेक्षण और बजट पर जन-संवाद किया गया है. मैं चाहता हूं कि ग्राम सभाओं में भी बजट पर चर्चा हो.
'मापदंडों के अनुसार ही ऋण लेती है सरकार'
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि ऋण लेने के संबंध में राज्य सरकार पर आरोप लगाए जाते हैं. वास्तविकता यह है कि राज्य सरकार से ऋण लेने के मापदंडों के अनुसार ही ऋण लिया गया. ऋण और सकल घरेलू उत्पाद का अनुपात वर्ष 2020-21 में 22.6 प्रतिशत रहा, जबकि वर्ष 2005 में यह 39.5 प्रतिशत था. राज्य का पूंजीगत व्यय 23.18 प्रतिशत से बढ़कर 45 हजार 685 करोड़ हुआ है, जो मध्यप्रदेश के इतिहास में सर्वाधिक है.
सीएम शिवराज ने इस दौरान दावा किया कि कोविड की कठिनाइयों के बाद भी राज्य सरकार ने आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के निर्माण के विजन के साथ राजस्व को बढ़ाने का हर संभव प्रयास किया है, जो पिछले 3 साल में प्रति वर्ष 7.94 प्रतिशत की दर से बढ़ा है. हम देश के राजस्व बढ़ाने वाले पहले पांच राज्यों में शामिल हैं. गरीब-कल्याण के क्षेत्र में राज्य सरकार पूरी संवेदनशीलता के साथ सक्रिय है. प्रदेश के छह लाख से अधिक शहरी स्ट्रीट वेंडरों को ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराया गया है.
उन्होंने कहा कि प्रदेश की कृषि विकास दर बढ़कर 19 प्रतिशत हो गई है. सिंचाई क्षमता में भी अभूतपूर्व वृद्धि हुई है, जो 7 लाख 50 हजार हेक्टेयर से बढ़कर 45 लाख हेक्टेयर हो गई है. हमारा लक्ष्य 65 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई क्षमता हासिल करने का है. औद्योगिक विकास के लिए हम प्रतिबद्धता से सक्रिय हैं.
'महिलाओं के लिए बजट में करोड़ का प्रावधान'
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि राज्य का इस वर्ष का बजट कुशल वित्तीय प्रबंधन का परिचायक है. बजट का आकार 3 लाख 14 हजार 25 करोड़ रुपए हो गया है. वहीं सिंचाई, अधो-संरचना निर्माण, ऊर्जा, सड़क निर्माण के लिए पर्याप्त प्रावधान के साथ महिला, किसान, युवा और गरीब-कल्याण के लिए विशेष व्यवस्था की गई है. बजट में सभी क्षेत्रों के लिए पर्याप्त व्यवस्था है. महिलाओं के लिए एक लाख 2 हजार 976 करोड़ का प्रावधान बजट में रखा गया है.
ये भी पढ़ें: Bageshwar Dham: धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री को फिर मिला चमत्कार दिखाने का चैलेंज, 1 करोड़ दक्षिणा देने की घोषणा