उज्जैन: महाकाल (Mahakal) की नगरी उज्जैन (Ujjain) में कोरोना पॉजिटिव (Corona Positive) मामला सामने आने के बाद कलेक्टर आशीष सिंह (Collector Ashish Singh) ने अस्पताल (Hospital) का निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने अस्पताल की व्यवस्थाओं का जायजा लिया. अस्पताल की व्यवस्था देख कलेक्टर दंग रह गए. अस्पताल में चारों तरफ अव्यवस्था का आलम पसरा हुआ था और कई कर्मचारियों-चिकित्सक ड्यूटी से गायब मिले. कलेक्टर ने कई कर्मचारियों का वेतन काटने के निर्देश दिए हैं और कुछ निलंबित कर दिया है.


कलेक्टर ने किसके खिलाफ की क्या कार्रवाई


कलेक्टर आशीष सिंह ने गुरुवार को जिला अस्पताल का आकस्मिक दौरा किया. उन्होंने ओपीडी, फार्मेसी सेक्शन, आर्थोपेडिक और साइकेट्रिस्ट सेक्शन का निरीक्षण किया. कलेक्टर ने एक गर्भवती महिला को अनावश्यक निजी चिकित्सालय में रेफर करने के कारण महिला चिकित्सक डॉक्टर रेखा गोमे को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया. इसके साथ ही उन्होंने अस्पताल में मिली अनियमितताओं के कारण सिविल सर्जन डॉक्टर पीएन वर्मा और आरएमओ डॉक्टर जितेंद्र शर्मा का 7-7 दिन का वेतन काटने के निर्देश दिए हैं. 


कलेक्टर ने आर्थोपेडिक ओपीडी में किसी भी डॉक्टर के उपस्थिति नहीं पाए जाने पर आर्थोपेडिक सेक्शन के इंचार्ज डॉक्टर महेश मरमट का एक माह का वेतन काटने के निर्देश दिए हैं. इसके साथ ही उन्होंने आज के दिन की ड्यूटी वाले डॉक्टर अजय दंडोतिया के ओपीडी में अनुपस्थित पाए जाने पर उनकी विभागीय जांच करने के निर्देश देते हुए 1 माह का वेतन काटने के लिए आदेश दिया है. 


दवा को लेकर हवा हुए दावे


कलेक्टर जब सिविल अस्पताल का भ्रमण कर रहे थे तब शांति नगर निवासी कांताबाई ने पर्चा दिखाते हुए उन्हें बताया कि वे विगत 3 माह से दवाई के लिए भटक रही हैं, लेकिन उन्हें दवाई नहीं मिल रही है. बाजार से लाकर दवा खानी पड़ रही है. पर्चा देखने पर ज्ञात हुआ कि साइकेट्रिस्ट डॉक्टर द्वारा लिखी गई दवा फार्मेसी सेक्शन से नहीं दी गई. कलेक्टर ने फार्मेसी कक्ष का निरीक्षण किया. कंप्यूटर में इन्वेंटरी की जांच की और साइकेट्रिस्ट डॉक्टर विनीत से इस मामले में बातचीत कर पूरी तफ्तीश की. इसमें यह पाया गया कि विगत तीन महीने से उक्त दवा स्टोर में नहीं है, लेकिन दवा प्राप्त करने के लिए किसी भी स्तर से गंभीर प्रयास नहीं किए गए हैं. 


कलेक्टर ने इस लापरवाही पर तत्काल प्रभाव से फार्मेसी, स्टोर परचेज सेक्शन देखने वाले शाखा प्रभारी रजत गांधी, विजय शर्मा और राघवेंद्र का 7-7 दिन का वेतन काटने के निर्देश दिए हैं. इसके साथ ही उन्होंने सिविल सर्जन को निर्देश दिया कि संबंधित महिला को रेडक्रॉस से दवा खरीद कर दी जाए.


अनुभवी डॉक्टर रहेंगे आगे और प्रशिक्षु पीछे


कलेक्टर ने निरीक्षण के दौरान देखा कि ओपीडी में आगे इंटर्न डॉक्टर्स को बैठाकर रेगुलर डॉक्टर साइड में बैठकर आराम कर रहे हैं. मरीजों का उपचार इंटर्न डॉक्टर कर रहे थे. इस पर नाराजगी जताते हुए कलेक्टर ने सिविल सर्जन से कहा कि भविष्य में इस तरह की लापरवाही न हो और मरीजों का उपचार रेगुलर डॉक्टर ही करें. इंटर्न डॉक्टर को पीछे बिठाकर सिखाया जाए.


बायोमैट्रिक मशीन लगाने के निर्देश


कलेक्टर ने आरएमओ को निर्देश दिया कि सभी डॉक्टर और कर्मचारियों की उपस्थिति बायोमैट्रिक मशीन से ली जाए. उन्होंने कहा कि सॉफ्टवेयर में अलग-अलग टाइम में अलग-अलग शिफ्ट में काम करने वाले कर्मचारियों की बायोमैट्रिक से उपस्थिति लेने की सुविधा है. इसलिए तुरंत प्रभाव से बायोमैट्रिक मशीन लगाकर अटेंडेंस को सुनिश्चित किया जाए. 


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