MP News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल प्रदेश का इकलौता मनरेगा पार्क सीहोर जिले की इछावर विधानसभा के ग्राम भाऊखेड़ी में बना है.विडंबना यह है कि पीएम के इस ड्रीम प्रोजेक्ट में भी अफसर लापरवाही बरत रहे हैं. ह प्रोजेक्ट अधूरा है.बीते तीन साल से गेट तक नहीं बना, बाउंड्रीवाल भी अधूरी है.इस प्रोजेक्ट को देखकर भोपाल कमिश्रर मालसिंह भयड़िया ने काफी नाराजगी जताई है.मनरेगा पार्क को व्यवस्थित करने के लिए कमिश्रर ने जनपद सीईओ को एक महीने का समय दिया है.
भोपाल कमिश्नर ने मनरेगा पार्क में क्या देखा
भोपाल कमिश्रर मालसिंह भयड़िया जिले के दौरे पर थे.वो समर्थन केंद्रों पर गेहूं खरीदी का जायजा लेने जा रहे थे.सीहोर जिला मुख्यालय से इछावर जाते समय कमिश्रर को भाऊखेड़ी गांव में मनरेगा पार्क नजर आया. उन्होंने मौके पर ही जनपद सीईओ सहित इछावर के तमाम अफसरों को बुलवाया. कमिश्रर ने जनपद सीईओ शिवानी मिश्रा से पूछा यह क्या,जिस पर सीईओ ने जवाब दिया कि यह मप्र का इकलौता मनरेगा पार्क है.लाखों रुपए की लागत से 28 एकड़ बने मनरेगा पार्क की अव्यवस्था देख कमिश्रर काफी नाराज हुए.
कमिश्रर को बताया गया कि इसमें आजीविका मिशन की महिला सदस्य काम करती हैं.इसी पार्क में गौशाला,मछली पालन के लिए तालाब,अमृत सरोबर आदि हैं.अमृत सरोबार को देख कमिश्रर नाराज हुए.कमिश्रर ने पूछा कि इसमें पानी का स्त्रोत क्या,जिस पर अफसर जवाब नहीं दे सके.अफसरों ने बताया कि एमपीआरडीसी द्वारा सडक़ निर्माण के लिए यहां से मिट्टी खोदी गई,जिसके बाद इसे अमृत सरोबर तालाब का रूप दे दिया गया. वहीं आधे अधूरे अमृत सरोबर में ही 15 अगस्त और 26 जनवरी को झंडावंदन भी किया जाता है.
जर्मनी के प्रतिनिधिमंडल ने किया था दौरा
कमिश्रर को जनपद सीईओ ने बताया कि उन्हें आए हुए अभी चार महीने ही हुए हैं.कमिश्रर ने उन्हें अल्टीमेटम देते हुए कहा कि मुझे एक महीने में सुधार की रिपोर्ट चाहिए. बता दें 20 अप्रैल को जर्मनी से आए प्रतिनिधि मार्टिन होप्पे,मार्क नोल्टिंग को भी आधे अधूरे मनरेगा पार्क का भ्रमण करा दिया गया था. इस दौरान उन्होंने आजीविका एकीकृत पार्क में संचालित की जा रही सभी गतिविधियों के बारे में विस्तार से जानकारी ली थी.भ्रमण के पश्चात उन्होंने स्व सहायता समूह की महिलाओं के साथ बैठक की थी. गवर्नमेंट ऑफ जर्मनी के सदस्यों ने गौशाला संचालन, गोकाष्ट में गोबर से बनने वाले उत्पादों,मछली पालन, थाई अमरूद उद्यान और मंडप विधि से सब्जी उत्पादन आदि गतिविधियों को देखा था.
ये भी पढ़ें