MP POLITICS: लोकसभा चुनाव के पहले एक बार फिर कांग्रेस ने यह दावा किया है कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) से वोटिंग होने पर केवल 15 सीट ही कांग्रेस जीत पाएगी जबकि बैलेट पेपर से यदि चुनाव कराए जाएं तो 29 सीटों पर ही कांग्रेस का कब्जा हो जाएगा. दूसरी तरफ भाजपा ने इस दावे पर चुनाव लड़ने से पहले ही कांग्रेस की हार करार देते हुए 29 सीटों पर ही चुनाव जीतने का दावा कर दिया है.


मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव का रंग अब जम चुका है. होली और रंग पंचमी के कारण प्रचार प्रसार में जरूर थोड़ी सी ढिलाई देखने को मिल रही है, मगर बयान बाजी में दोनों ही पार्टियां एक दूसरे पर जमकर निशाना लगा रही है.


मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता के के मिश्रा के मुताबिक मध्य प्रदेश की सभी 29 लोकसभा सीटों पर कांग्रेस अपना दावा पेश कर रही है.


उन्होंने कहा कि यदि बैलेट पेपर से चुनाव कराए जाएं तो सभी सीटों पर कांग्रेस का परचम लहराएगा. पूरे देश में साल 1982 की बीजेपी की यादे ताजा हो जाएगी जबकि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन से चुनाव कराने पर उन्होंने मध्य प्रदेश में 15 सीटों पर अपना मजबूत दावा पेश किया है. 


इसी के जरिए कांग्रेस ने इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन से चुनाव को कटघरे में खड़ा कर दिया. दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजपाल सिंह सिसोदिया के मुताबिक चुनाव लड़ने से पहले ही कांग्रेस 14 सीटों पर हार स्वीकार कर चुकी है, जबकि इस बार कांग्रेस की 29 सीटों पर ही हार होना तय है. इसलिए अभी से इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन पर सवाल उठाने शुरू कर दिया गया है.


दिग्विजय सिंह, कमलनाथ भी उठा चुके हैं सवाल


मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और कमलनाथ भी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन पर सवाल उठा चुके हैं. इसके अलावा मध्य प्रदेश के अध्यक्ष जीतू पटवारी भी कई बार अपने भाषण में इस बात का जिक्र कर चुके हैं कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन के स्थान पर बैलेट पेपर से चुनाव होना चाहिए. दूसरी तरफ बीजेपी बार-बार कई उदाहरण देकर कांग्रेस को लगातार झूठे आरोप लगाने के मुद्दे पर घर रही है.