MP Politics: एमपी में कांग्रेस ने मिशन 2023 के लिए कसी कमर, उमा भारती के गढ़ में कमलनाथ बोले- बीजेपी धोखेबाज
मध्यप्रदेश में 2023 में होने जा रहे विधानसभा चुनावों को लेकर कांग्रेस कांग्रेस ने मिशन 2023 का आगाज कर दिया है. पूर्व सीएम कमलनाथ ने जनता से बीजेपी को इन चुनावों में सबक सिखाने की अपील की है.
MP Politics: मध्यप्रदेश में 2023 में होने जा रहे विधानसभा चुनावों को लेकर कांग्रेस ने कमर कस ली है. पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ ने बीजेपी की फायर ब्रांड नेता उमा भारती के गढ़ बड़ा मलहरा से मिशन 2023 का आगाज किया है. यहां कमलनाथ ने सभा को संबोधित करते हुए जनता से 2023 के विधानसभा चुनावों में बीजेपी को सबक सिखाने की अपील की है.
उन्होंने जनता से कहा कि बीजेपी धोखेबाज पार्टी है. कमल नाथ का सबसे अधिक फोकस ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक विधायकों पर है. इन्हीं विधायकों की वजह से महज 15 महीने के कार्यकाल में ही कांग्रेस की सरकार गिर गई थी.
उमा भारती के गढ़ माने जाने वाले बड़ा मलहरा में सभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस चीफ कमलनाथ ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी सौदेबाज पार्टी है. उन्होंने कहा कि आप सभी के सहयोग से साल 2018 के विधानसभा चुनाव में प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी थी. लेकिन बीजेपी ने सौदा कर जनता की उम्मीदों पर पानी फेर दिया. उन्होंने कहा कि मैं सौदे की राजनीति नहीं करता. अब फिर 2023 में होने जा रहे विधानसभा चुनाव में इस सौदेबाज बीजेपी को सबका सिखाना है. उन्होंने कहा कि सरकार बनती है, तो फिर किसानों का कर्जा माफ किया जाएगा. अपने दौरे के दौरान नाथ ने मंडलम सेक्टर और बूथ कमेटियों की बैठक भी की और उन्हें दिशा निर्देश दिए.
पहले सिंधिया समर्थक विधायक हैं कमलनाथ का लक्ष्य
महज 15 महीने में ही कांग्रेस की सरकार को गिराने वाले सिंधिया समर्थक विधायक कमलनाथ का पहला लक्ष्य बने हुए हैं. कांग्रेसियों का मानना है कि इन 22 विधानसभाओं में जनता ने बीजेपी को नकारकर कांग्रेस को समर्थन दिया था.
हालांकि बाद में इन विधायकों ने जनता के साथ धोखा किया और बीजेपी का दामन थाम लिया. इन विधानसभा क्षेत्रों में विधायकों के खिलाफ जनता में आक्रोश है. कांग्रेसी नेताओं का मानना है इन विधानसभा क्षेत्रों में मतदाता कांग्रेस के ही पक्ष में है. इसलिए कमलनाथ द्वारा पहले इन्हीं विधानसभा क्षेत्रों पर फोकस किया जा रहा है.
बता दें साल 2018 के चुनाव में कांग्रेस ने 15 साल पुरानी बीजेपी सरकार को सत्ता से बेदखल कर दिया था. हालांकि कांग्रेस के अंदरूनी मामले के चलते कांग्रेस की सरकार मध्यप्रदेश की सत्ता का सुख महज डेढ़ साल ही भोग सकी थी. क्योंकि तत्कालीन कांग्रेसी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के 22 विधायक समर्थकों ने कांग्रेस छोड़ बीजेपी का दामन थाम लिया था. जिसके बाद कांग्रेस की सरकार गिर गई थी. नतीजतन कांग्रेस फिर विपक्ष की भूमिका में आ गई. अब साल 2023 में फिर विधानसभा चुनाव हैं. ऐसे में कमलनाथ उन 22 विधायकों को सबका सिखाना चाहते हैं. कमल नाथ की रणनीति का लक्ष्य भी इन्हीं 22 विधायकों का गढ़ है.
इन सिंधिया समर्थकों ने डुबाई थी कांग्रेस की नैया
इन विधायकों में प्रदुम्न सिंह तोमर रघुराज कंसाना, कमलेश जाटव, रक्षा सरोनिया, जजपाल सिंह जज्जी, इमरती देवी, डॉ. प्रभुराम चौधरी, तुलसी सिलावट, सुरेश धाकड़, महेन्द्र सिंह सिसोदिया, ओपीएस भदौरिया, रणवीर जाटव, गिर्राज दंडोतिया,जसवंत जाटव, गोविंद सिंह राजपूत, हरदीप सिंह डंग, मुन्नालाल गोयल, ब्रजेन्द्र सिंह यादव, राज्यवर्धन सिंह, बिसाहूलाल सिंह, ऐदल सिंह कंसाना, और मनोज चौधरी शामिल है.कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ मिशन 2023 के लिए सबसे पहले इन्हीं विधायकों के गढ़ में फोकस किए हुए हैं.