Pulwama Terror Attack: पुलवामा में हुए आतंकी हमले में सीआरपीएफ (CRPF) के 40 जवानों की मौत का मामला एक बार फिर से गरमा गया है. दरअसल, कांग्रेस नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने पुलवामा अटैक और सर्जिकल स्ट्राइक का मुद्दा उठाते हुए प्रधानमंत्री पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्हें पुलवामा में सीआरपीएफ के 40 जवानों की मौत के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा कि सीआरपीएफ के डायरेक्टर जनरल ने जवानों की यात्रा वाले क्षेत्र को खतरनाक बताते हुए जवानों को ले जाने के लिए हवाई जहाज की मांग की थी, लेकिन उन्हें जहाज देने से इंकार कर दिया गया. जिसका खामियाजा जवानों को अपनी जान देकर चुकानी पड़ी.
संसद में पेश नहीं कई गई पुलवामा हादसे की जांच रिपोर्ट
इसके अलावा दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया कि पहले तो सरकार ने जवानों को ले जाने के लिए हवाई जहाज देने से इनकार किया. इसके बाद जब जवान मारे गए तो उसका राजनीतिक लाभ लिया गया. उन्होंने इस मामले में प्रधानमंत्री पर सच को दबाने और झूठ फैलाने का भी आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि आज तक देश को इस बात का जवाब नहीं दिया गया है कि पुलवामा हादसे में आतंकवादी के पास 300 किलो RDX कहाँ से आई? इसके अलावा डीएसपी देवेंद्र सिंह को जब आतंकवादियों के साथ पकड़ा गया था, तो फिर उन्हें क्यों छोड़ दिया गया? उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच रिपोर्ट अभी तक संसद में पेश नहीं की गई है.
370 हटने के बाद राजौरी तक फैल गया आतंकवाद
कांग्रेस नेता ने जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने पर भी सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि इससे किसको फायदा हुआ? उन्होंने कहा कि 370 हटाने के बाद चिल्ला-चिल्ला कर कहा गया कि इससे घाटी में आतंकवाद समाप्त हो जाएगा. कश्मीर में हिंदुओं का बोलबाला हो जाएगा, लेकिन हुआ इसके उलट. जब से कश्मीर से धारा 370 हटी है, आतंकवाद सुरसा की तरह बढ़ता ही जा रहा है. रोज कुछ न कुछ घटनाएं हो रही है. जो हिंदू घाटी में थे, वह भी घाटी छोड़ने पर मजबूर हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि पहले आतंकवाद कश्मीर घाटी तक सीमित था, लेकिन अब ये राजौरी और डोडा तक फैल गया है.
कश्मीर समस्या कायम रखने का लगाया आरोप
दिग्विजय सिंह ने केंद्र सरकार पर जम्मू-कश्मीर की समस्या का हल ढूंढने में विफल करार दिया. उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार कश्मीर मामले पर फैसला लेकर इसे हल करना नहीं चाहती है. वे चाहते हैं कि ये समस्या बरकरार है, ताकि कश्मीर की आड़ में देश में हिंदू-मुसलमान का खेल चलता रहे और कश्मीर फाइल्स जैसी फिल्में बनती रहें. इस मामले में भी उन्होंने प्रधानमंत्री की भूमिका को सवालों के घेरे में ला दिया. उन्होंने प्रधानमंत्री को हिंदू-मुसलमानों के बीच खाई बढ़ाने वाले काम करने का आरोप लगाया. दिग्विजय सिंह ने सवालिया लहजे में कहा, क्या आपने कभी देखा था कि कोई प्रधानमंत्री किसी फिल्म के प्रचार के लिए गया हो.
सर्जिकल स्ट्राइक पर भी उठाए सवाल
दिग्विजय सिंह यहीं नहीं रुके, उन्होंने सर्जिकल स्ट्राइक पर भी गंभीर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने इस मामले में भी प्रधानमंत्री पर झूठ बोलने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि पुलवामा हमले के बाद आतंकियों को सबक सिखाने के लिए सर्जिकल स्ट्राइक की बात कही गई. ये दावा किया गया कि सैंकड़ों आतंकियों को मार गिराया गया है. उन्होंने कहा कि अगर वास्तव में आतंकियों को मार गिराया गया था, तो इसके सबूत कहां है. सरकार को चाहिए कि देश के सामने सबूत पेश करें. गौरतलब है कि सबूत मांगने को भाजपा सीधे तौर पर सेना के पराक्रम पर सवाल उठाने से जोड़ कर पहले भी इस मुद्दे पर कांग्रेस को बैकफुट पर ला दिया था. ऐसे में 2024 लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा एक बार फिर से इस मुद्दे पर आक्रामक हो गई है.
भाजपा ने दिया यह जवाब
कांग्रेस नेता दिग्विजय सवाल के सवाल पर भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया एक बार फिर से हमलावर नजर आए. उन्होंने इसे एक बार फिर से सेना के पराक्रम से जोड़ दिया है. बीजेपी प्रवक्ता ने अपने बयान में कहा है कि जब हमारी वीर सेना पराक्रम दिखाती है तो सबसे ज्यादा तकलीफ उस देश को होना चाहिए, जिसको सबक सिखाया गया, लेकिन देश का यह दुर्भाग्य है कि दुश्मन देश पर सर्जिकल स्ट्राइक का दर्द आतंकी देश से ज्यादा भारत की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस को होता है.
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