MP Election 2023: मध्य प्रदेश में जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव (MP Assembly Election 2023) का समय नजदीक आता जा रहा है,वैसे-वैसे सियासत और सक्रिय होती जा रही है.फिलहाल मध्य प्रदेश में पत्र पॉलीटिक्स चल रही है.दो दिन पहले प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और पीसीसी चीफ कमलनाथ (Ex CM Kamal Nath) ने प्रदेश के मुख्मयंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) के नाम पत्र लिखा था.अब प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह (Ex CM Digvijay Singh)ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) के नाम पत्र लिखा है.
सरकार पर क्या आरोप लगाए हैं
राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को लिखे पत्र में बताया है कि मैंने राज्यसभा में गृह विभाग से संबंधित तारांकित प्रश्न क्रमांक 1528 पूछा गया था. इसका दिनांक आठ फरवरी 2023 को सदन में उत्तर दिया जाना नियत था.मुझे यह जानकर आश्चर्य है कि कश्मीरी पंडितों की समस्याओं को लेकर मेरे द्वारा किए गए प्रश्न को गोपनीय प्रकृति का बताकर निरस्त कर दिया गया है.मैं इस पत्र के माध्यम से मेरे द्वारा संसद में पूछे गये प्रश्न को पुन:दोहरा रहा हूं जिसमें यह समझ से परे हैं कि कश्मीरी पंडितों के लिए मेरे द्वारा उठाए गए सवाल के उत्तर में ऐसा क्या गोपनीय था, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा उत्पन्न हो सकता था.
दिग्विजय सिंह के सवाल
- कश्मीर घाटी में कश्मीरी पंडितों की हत्याओं को रोकने के लिए सरकार ने क्या कदम उठाए हैं.
- क्या सरकार ने कश्मीरी पंडित कर्मचारियों के वेतन को इसलिए रोक दिया है क्योंकि उन्होंने हत्या की आशंका से अपना स्थान परिवर्तन करने की मांग की थी. यदि हाँ तो इसके क्या कारण है.
- क्या सरकार कश्मीर की हिंदू आबादी को कश्मीर घाटी से बाहर पुर्नस्थापित करना चाहती है.
क्या घाटी में भयभीत हैं कश्मिरी पंडित
दिग्विजय सिंह ने अपने पत्र में लिखा है कि चूंकि ये सवाल हमारी पार्टी के नेता राहुल गांधी के समक्ष भी 'भारत जोड़ो यात्रा' के दौरान उपस्थित हुए थे.कश्मीरी हिंदू कर्मचारी वहां भयभीत हैं. उन्हें सरकार की ओर से समुचित और प्रभावी आश्वासन नहीं मिला है.मुझे इन सवालों में ऐसी कोई बात भी नहीं दिखाई देती जिनका उत्तर देने पर राष्ट्र के गोपनीय महत्व के तथ्य उजागर हो सकते हैं.आपके जवाब नहीं देने से कश्मीरी पंडितों और वहां की हिन्दू आबादी में यह संदेश जाएगा कि सरकार सिर्फ कश्मीरी पंडितों या हिंदुओं की बात भर करती है, वह उनकी सुरक्षा को लेकर गंभीर नहीं है.
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