'राहुल की डिक्शनरी में डर शब्द नहीं, पूरी दमदारी से निकलेगी भारत जोड़ो यात्रा'- धमकी मिलने पर बोले दिग्विजय सिंह
Bhopal News: खाद की किल्लत पर दिग्विजय सिंह ने कहा कि शिवराज सिंह चौहान खुद इसमें पैसा कमा रहे हैं. मंत्री कमल पटेल को हिस्सा मिल रहा है और पूरे तरीके से खाद व्यापारी काला बाजारी कर रहे हैं.
MP News: कन्याकुमारी से कश्मीर तक राहुल गांधी ( Rahul Gandhi) द्वारा निकाली जा रही भारत जोड़ो यात्रा (Bharat Jodo Yatra) का खास मैनेजमेंट देख रहे दिग्विजय सिंह ( Digvijay Singh) शनिवार को भोपाल से इंदौर जाते वक्त कुछ समय के लिए सीहोर बायपास पर रुके. यहां मीडियाकर्मियों ने दिग्विजय सिंह से कुछ सवाल जबाव किए.
जब एबीवी न्यूज संवाददाता ने कांग्रेस (Congress) नेता दिग्विजय सिंह से पूछा गया कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा मध्य प्रदेश में आ रही है, जबकि इंदौर में इस यात्रा को लेकर धमकी भरा पत्र मिला है, ऐसे में क्या राहुल की यात्रा प्रभावित होगी? इसका जबाव देते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा कि राहुल गांधी उस परिवार से हैं जिसमें कभी डर का कभी सवाल नहीं उठता. उनकी डिक्शनरी में डर है ही नहीं है. उन्होंने कहा कि चाहे इंदिरा गांधी हों, राजीव गांधी हों या पंडित जवाहरलाल नेहरू हों, इनके शब्दकोश में डर है ही नहीं. दिग्विजय सिंह ने कहा कि मध्य प्रदेश भी यात्रा पूरी दमदारी के साथ निकाली जाएगी.
खाद में पैसा कमा रहे शिवराज
मध्य प्रदेश में हो रहे खाद संकट के सवाल पर दिग्विजय सिंह ने कहा कि जब मेरी सरकार थी तब कृषि मंत्री सुभाष यादव जी थे. वे सहकारिता के माध्यम से किसानों को खाद वितरण कराते थे. जब कमलनाथ जी की सरकार आई तब भी हमने वही फार्मुला अपनाया जिससे किसानों को खाद कि किल्लत से नहीं जूझना पड़ा. मेरा मानना है कि यदि खाद सहकारिता के माध्यम से बांटा जाए और एडवांस लिफ्टिंग कराई जाए तो किसी भी प्रकार कि दिक्कत किसानों को नहीं आएगी, लेकिन शिवराज सिंह चौहान खुद इसमें पैसा कमा रहे हैं. मंत्री कमल पटेल को हिस्सा मिल रहा है और पूरे तरीके से खाद व्यापारी काला बाजारी कर रहे हैं.
पेसा एक्ट में नौटंकी कर रही सरकार
पेसा एक्ट के सवाल का जबाव देते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा कि यह एक्ट आज का नहीं है, पेसा एक्ट को पास हुए लगभग 25 साल हो गए. उन्होंने कहा कि सरकार अभी तक क्या कर रही थी. दिग्विजय सिंह ने कहा कि मैंने पेसा एक्ट लागू कर दिया था. ग्राम सभा का अधिकार दे दिया था, नियम बना दिए थे उसे बीजेपी की सरकार लागू क्यों नहीं कर रही थी. ये नाटक नौटंकी है और खास बात यह है कि पेसा के नियम में ये था कि आदिवासी क्षेत्र में जब तक ग्रामसभा की सहमति नहीं होगी. तब तक कोई भी काम नहीं होगा. उस सहमति को हटा दिया गया. हम इसका विरोध करते हैं.
यह भी पढ़ें:
Jabalpur News: मेखला रिसोर्ट हत्याकांड में पुलिस को 12 दिन बाद मिली सफलता, पकड़ा गया सिरफिरा आशिक