(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
'रस्सी जल गई' तंज पर जीतू पटवारी का CM मोहन यादव को जवाब, 'कोई एक आदमी लेकर आएं जो...'
MP Politics News: कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने आरोप लगाया कि मध्य प्रदेश में पैसे लेकर कर्मचारी काम करते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि सीएम मोहन यादव ने एक भी वचन पूरा नहीं किया.
MP Politics: मोहन यादव (Mohan Yadav) ने कांग्रस पर अधिकारियों और कर्मचारियों के अपमान का आरोप लगाया है. इस पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी (Jitu Patwari) ने पलटवार किया है. जीतू पटवारी ने कहा, ''मध्य प्रदेश में कोई एक ऐसा आम आदमी लेकर आ जाएं जो बिना पैसे किसी सरकारी विभाग में काम करा सकता है. पैसे लेकर कर्मचारी काम करते हैं. हमारा काम है लोगों की पीड़ा को सरकार तक लेकर जाना. मुख्यमंत्री को 9 महीने में वचन पत्र का एक भी वचन याद नहीं आया."
दरअसल, शुक्रवार को किसान न्याय यात्रा में जीतू पटवारी ने नर्मदापुरम और होशंगाबाद के कलेक्टर पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा था कि उन्होंने पैसा लेकर पद प्राप्त किया है.
#WATCH भोपाल: मध्य प्रदेश CM मोहन यादव के बयान पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा, "मध्य प्रदेश में कोई एक ऐसा आम आदमी लेकर आ जाएं जो बिना पैसे किसी सरकारी विभाग में काम करा सकता है। पैसे लेकर कर्मचारी काम करते हैं। हमारा काम है लोगों की पीड़ा को सरकार तक लेकर जाना।… pic.twitter.com/yg2NL7ezkZ
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 14, 2024
समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में जीतू पटवारी ने कहा, ''जब पैसे लेकर कर्मचारी काम करते हैं तो जाहिर है कि बिना पैसे दिए पोस्टिंग लाते नहीं है. अधिकारियों को शौक नहीं चढ़ता है भ्रष्टाचार करने का. जहां तक विपक्ष का सवाल है. हमारा काम है कि जनता की पीड़ा सरकार तक ले जाएं.''
सीएम बताएं क्यों हावी हैं माफिया- पटवारी
सीएम मोहन यादव के 'रस्सी जल गई' तंज पर पटवारी ने कहा, 'आप सिर्फ सीएम बीजेपी के नहीं है बल्कि हमारे भी हैं. सीएम साहब को नौ महीने में वचनपत्र का एक भी वचन याद नहीं आया.ये घोषणापत्र है जिसमें किसानों की बात याद नहीं आई. विपक्ष आवाज नहीं उठाए और बात ना उठाए, आप क्यों नहीं बताते कि आपकी सरकार का चेहरा कर्ज, क्राइम और करप्शन की बन गया है. माफिया हावी क्यों हैं.''
अनाज का दाम मिलेगा तो सीएम का अभिनंदन होगा- पटवारी
मोहन यादव ने कहा, '' 3 हजार रुपये बहनों को क्यों नहीं दिए. क्यों हर रोज 100 करोड़ रुपये कर्ज लेना पड़ता है. किसानों को अनाज के दाम नहीं दे पाए हैं. क्या कारण है कि सरकार रिएक्शन नहीं देती. किसान अपनी उपज का दाम ना मांगे. छह हजार रुपये आपको सोयाबीन के देने होंगे. आरोप प्रत्यारोप नहीं होगा बल्कि अभिनंदन होगा.''
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