Raja Pateriya: बेल खारिज होने के बाद जेल भेजे गए राजा पटेरिया, बोले- 'मैंने कुछ गलत नहीं कहा, यह विचारधारा की लड़ाई'
Raja Pateriya Bail Rejected: राजा पटेरिया के वकील ने अदालत में जमानत अर्जी पेश की, लेकिन केस गैर जमानती धाराओं में रेजिस्टर्ड है, जिस वजह से कोर्ट ने अर्जी खारिज कर दी.
Raja Pateriya Bail Rejected: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के खिलाफ विवादित बयान देने वाले कांग्रेस (Congress) नेता राजा पटेरिया (Raja Pateriya) की जमानत अर्जी न्यायिक दंडाधिकारी, पवई, जिला पन्ना ने निरस्त कर दी है. कोर्ट ने उन्हें जमानत देने से इनकार करते हुए न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजने का आदेश दिया है. इसके बाद विक्ट्री साइन बनाते हुए राजा पटेरिया कोर्ट से बाहर निकले और कहा कि ये विचारधारा की लड़ाई है. उन्होंने कुछ गलत नहीं कहा है.
जिला अदालत में जमानत आवेदन लगाने की बात
इसके पहले सुबह पन्ना पुलिस ने अलसुबह राजा पटेरिया को हटा स्थित निवास से गिरफ्तार कर लिया था, जिसके बाद उन्हें सुबह 10 बजे पवई के न्यायिक दंडाधिकारी के समक्ष पेश किया गया. उनके वकील ने कोर्ट के सामने जमानत अर्जी दी, जिसे गैरजमानती धाराओं (Non-Bailable Sections) में अपराध पंजीबद्ध (Crime Regiser) होने के कारण ठुकरा दिया गया. पटेरिया ने जल्द ही पन्ना जिला अदालत में जमानत आवेदन लगाने की बात कही है.
वहीं, जमानत आवेदन निरस्त होने के बाद राजा पटेरिया विक्ट्री साइन बनाते हुए कोर्ट से बाहर निकले. उन्होंने पत्रकारों से कहा कि यह विचारधारा की लड़ाई है. किसी के लिए भी गलत बात नहीं कही. राजा पटेरिया ने यह भी कहा कि गांधी का अनुयायी हूं और महात्मा गांधी को जीता हूं.
वायरल वीडियो में यह कहते दिखाई दिए राजा पटेरिया
यहां बता दें कि सोमवार को मध्य प्रदेश के पन्ना जिले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कथित तौर पर हत्या की साजिश से जुड़ा एक वीडियो वायरल होने से सियासी बवाल मचा हुआ है. इस वीडियो में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री राजा पटेरिया कहते हुए दिख रहे हैं कि 'संविधान को बचाना है तो मोदी की हत्या करने के लिए तत्पर रहो.' वीडियो वायरल होते ही बीजेपी ने इसे मुद्दा बना लिया.
इन धाराओं के तहत केस दर्ज
गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने सोमवार को ही पुलिस को एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए. इसके बाद पन्ना जिले के पवई थाना में राजा पटेरिया के खिलाफ आईपीसी की धारा 451, 504, 505 (1)(b), 505(1)(c), 506, 153B(1)(c) के तहत केस दर्ज किया गया. बाद में आईपीसी की धारा 115 और 117 और जोड़ दी गई है. मध्य प्रदेश पुलिस के रिटायर्ड डीएसपी राकेश तिवारी का कहना है कि बाद में जोड़ी गईं दोनों धाराएं गैरजमानती हैं.
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