MP News: मालवा निमाड़ में नहीं दिखा राहुल गांधी की 'भारत जोड़ो यात्रा' का असर, सात जिलों में कांग्रेस के लिए पड़ा सूखा
MP Election Results: मालवा निमाड़ में 30 विधानसभा सीटों पर राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का कोई खास असर देखने को नहीं मिला है. यहां कांग्रेस केवल पांच सीटें जीत पाई है.
Rahul Gandhi Bharat Jodo Yatra Impact: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के बाद हुई मतगणना में बीजेपी को बहुमत मिला तो वहीं सत्ता में वापसी की राह तलाश रही कांग्रेस के हाथ एक बार फिर से मायूसी ही हाथ लगी. फिलहाल इस बीच मध्य प्रदेश में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को लेकर जोरों पर चर्चा हो रही है. दरअसल राहुल गांधी ने मालवा निमाड़ के 6 जिलों में भारत जोड़ो यात्रा की थी. फिलहाल इस यात्रा का कोई भी असर चुनाव में देखने को नहीं मिला.
दरअसल कांग्रेस नेता ने अपना जनाधान बढ़ाने और जनता के बीच अपनी पैठ मजबूत करने के लिए भारत जोड़ो यात्रा निकाली थी. नवम्बर 2022 में इस यात्रा ने मध्यप्रदेश के बुरहानुपर में प्रवेश किया था और 27 नवम्बर 2023 को उज्जैन होते हुए ये राजस्थान निकल गई थी. मालवा निमाड़ की 30 सीटों पर ये यात्रा निकाली गई थी. फिलहाल कांग्रेस की यह यात्रा भी विधानसभा चुनाव में उसके लिए मददगार साबित नहीं हो सकी.
भारत जोड़ो यात्रा से भी नहीं मिला कांग्रेस को फायदा
भारत जोड़ो यात्रा के दौरान कांग्रेस नेता राहुल और प्रियंका गांधी ने मालवा निमाड़ की 30 सीटों पर प्रचार और जनसंवाद किया था, लेकिन इनमें से केवल पांच सीटों पर कांग्रेस अपनी लाज बचाने में सफल हो सकी है, वहीं बाकी की 25 सीटों पर बीजेपी के उम्मीदवार विजयी हुए हैं. वहीं विधानसभा चुनाव में भारत जोड़ो यात्रा को मिले इस निराशाजनक रिस्पांस ने कांग्रेस नेताओं को हार की वजह पर काम करने को मजबूर कर दिया है.
खंडवा में नहीं खुला खाता
मध्य प्रदेश के आगर-मालवा में दो सीट है, इसमें एक सीट कांग्रेस और एक बीजेपी के खाते में गई. उज्जैन की सात में से पांच सीटों पर बीजेपी ने जीत दर्ज की और केवल दो सीट कांग्रेस के खाते में गई. साल 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने चार सीट जीती थी. खंडवा की चार विधानसभा सीटों में कांग्रेस का खाता ही नहीं खुला. दो आदिवासी सीट सहित सभी चारों सीट बीजेपी के खाते में गई. जबकि 2018 में यहां कांग्रेस के पास एक मांधाता सीट थी.
इंदौर में भी कांग्रेस का सुपड़ा साफ
इसके अलावा बुरहानपुर की दो विधानसभा सीट जिसमें बुरहानपुर और नेपानगर दोनों पर ही बीजेपी ने जीत दर्ज की है. बीते चुनाव में यहां बीजेपी ने एक भी सीट नहीं निकाल पाई थी और एक कांग्रेस और एक निर्दलीय पास गई थी. वहीं खरगोन जो कांग्रेस का गढ़ था, यहां की छह में से कांग्रेस ने 2018 में पांच सीट जीती और एक निर्दलीय के पास थी, यहां बीजेपी जीरो थी, लेकिन इस चुनाव में यहां बीजेपी ने चार सीट जीती हैं. इंदौर की नौ सीट में साल 2018 में कांग्रेस के पास चार सीट थी, लेकिन इस बार 33 साल बाद कांग्रेस अपना खाता भी नहीं खोल पाई है.
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