Jabalpur News: मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले में एक्सीडेंट में एक युवक की मौत के मामले में कांग्रेस विधायक संजय यादव (Congress MLA Sanjay Yadav) ने शिवराज (CM Shivraj Singh Chouhan) सरकार पर गंभीर आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि सड़क दुर्घटना में घायलों को 108 वाली एम्बुलेंस निकट के सरकारी मेडिकल कालेज हॉस्पिटल की बजाय एक प्राइवेट हॉस्पिटल लेकर गई. जिससे उन्हें समय पर इलाज नहीं मिला.


जिले की लचर स्वास्थ्य सुविधाओं के लेकर संजय यादव ने शिवराज सरकार को कटघरे में खड़ा किया. इस हादसे में एक युवक की मौत हो गई, जबकि एक अन्य गंभीर रूप से घायल है.


सीएम शिवराज से पूछा यह सवाल


पहले जान लेते हैं कि कांग्रेस विधायक संजय यादव ने क्या आरोप लगाया है. उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर चार ट्वीट करते हुए कहा,"वाह रे शिवराज मामा तुम्हारी दलाली और तानाशाही के चलते एक नौजवान युवक मौत के साये में चला गया जबकि दो गंभीर रूप से घायल हैं,शिवराज जी प्राइवेट अस्पताल से आपको कितना घूस मिल रहा है. . . जवाब दें. ''


उन्होंने लिखा है,''आज बरगी में एक्सीडेंट हुआ तो आश्चर्यजनक बात तो ये है कि जब 108 में कॉल करके एम्बुलेंस बुलाया गया तो घायलों को सरकारी मेडिकल हॉस्पिटल ले जाने की बजाय प्राइवेट मेट्रो हॉस्पिटल ले जाया गया. . . जबकि मेरे द्वारा विगत वर्षों में सर्वसुविधायुक्त एम्बुलेंस प्रदान कराया गया है,उसका उपयोग तक नहीं किया जा रहा. इससे त्वरित चिकित्सा प्रदान की जा सकती थी, दूसरी तरफ यदि बरगी में 30 बिस्तरीय अस्पताल शुरू हो जाता और साथ ही पद स्वीकृत हो जाते जो कि 6 महीने से तैयार है, जिसकी लगातार मांग भी कर रहा हूं.


यदि आज इनको बरगी अस्पताल में एडमिट कराए होते तो मृतक की जान बचाई जा सकती थी. सरकार की इस लापरवाही से एक नौजवान व्यक्ति की मृत्यु हो गई,जबकि 2 गंभीर रूप से घायल हैं. सरकार के निकम्मेपन और असंवेदनशीलता के चलते कब तक ऐसे गरीबों को प्रताड़ित किया जाता रहेगा. . . ! इससे तो यही सिद्ध होता है कि भाजपा की शिवराज सरकार जन विरोधी है. मैं इस घटना से आहत होकर सरकार व प्रशासन के निकम्मेपन का विरोध करता हूं. "


इस अस्पताल की मांग


विधायक संजय यादव ने इस मसले पर एबीपी न्यूज़ से कहा कि यदि बरगी में निर्मित 30 बिस्तर वाला अस्पताल सरकार द्वारा चालू कर दिया जाता तो लोगों की जान बचाई जा सकती है. यहां आज तक ना तो डॉक्टर की पोस्टिंग की गई है और ना ही कोई स्टाफ लगाया गया है. इसके अलावा उन्होंने 30 लाख की लागत वाली एंबुलेंस भी बरगी अस्पताल को दी है. उसका भी कोई उपयोग नहीं किया जा रहा है. बरगी में नेशनल हाईवे पर रोज गंभीर सड़क दुर्घटनाएं होती हैं. लेकिन सड़क बनाने वाली कंपनी ने भी कोई आकस्मिक चिकित्सा सुविधा उपलब्ध नहीं कराई है.


इस मामले में मेट्रो हॉस्पिटल के संचालक राजीव बड़ेरिया का कहना है कि उनके यहां मरीज नियमानुसार ही लाया गया था. मरीज के अटेंडेंट ने एंबुलेंस वाले को अपनी सहमति दी थी,तभी उसे मेट्रो हॉस्पिटल लाकर इलाज शुरू किया गया था. इसमें कुछ भी गलत नहीं है. विधायक के आरोप पर उन्हें कुछ नहीं कहना है.


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