WATCH: हनुमान जी के बाद अब भोलेनाथ की एंट्री, कांग्रेस विधायक ने शंकर भगवान को बताया आदिवासी
विधायक ने बम्होडी गांव में स्थानीय कार्यक्रम के दौरान मंच से लोगो को सम्बोधित करते हुए कहा कि समुद्र मंथन से जो जहर निकला था. उसे किसी और ने नहीं शंकर भगवान ने पिया.
MP News: मध्य प्रदेश में चुनावी साल में जैसे जैसे सियासी पारा चढ़ रहा है. उसी अंदाज में नेताओं के बयान सामने आ रहे है. और सियासी माहौल में नेताओं के बयान में खास तौर पर भगवानो के अवतारों का ज़िक्र होना आम हो गया. कुछ दिन पहले भगवान हनुमान सियासी मैदान में उतरे थे. लेकिन अब शंकर भगवान की भी सियासी मैदान में एंट्री हो चुकी है. दरअलस सिवनी के बरघाट विधानसभा के कांग्रेस विधायक अर्जुन सिंह काकोड़िया का अजीबोगरीब बयान सामने आया है. विधायक अर्जुन सिंह ने शंकर भगवान को ही आदिवासी बता दिया है.
विधायक ने बम्होडी गांव में स्थानीय कार्यक्रम के दौरान मंच से लोगो को सम्बोधित करते हुए कहा कि समुद्र मंथन से जो जहर निकला था. उसे किसी और ने नहीं शंकर भगवान ने पिया. और भगवान शंकर आदिवासी थे. साथ ही विधायक ने यह भी कहा कि जो अमृत निकला था. उसे होशियार लोग पी गए थे. विधायक द्वारा दिये गए इस बयान का वीडियो भी सामने आया है.
कुछ दिनों पहले विधायक अर्जुन सिंह बजरंगबली को आदिवासी बता चुके हैं. विधायक के इस बयान ने खूब सुर्खियां बटोरी थी. और एक बार फिर विधायक के इस बयान के भी कई सियासी मायने निकाले जा रहे है. लेकिन विधायक के इस बयान को लेकर किसी की प्रतिक्रिया फिलहाल सामने नही आई है.
ब्राह्मण की सेना नहीं गई- अर्जुन सिंह
कर्नाटक चुनाव के दौरान अर्जुन सिंह काकोडिया ने बीजेपी पर बजरंग बली के नाम पर राजनीति करने का आरोप लगाया था. उन्होंने सिवनी के उड़पानी गांव में आयोजित कांग्रेस कार्यकर्ता सम्मेलन में पीसीसी चीफ कमलनाथ की मौजूदगी में कहा था, 'बजरंग दल, आरएसएस और ये राम सेना के लोगों ने आदिवासियों को मारा है, वह बजरंगबली की बात करते हैं. बजरंगबली आदिवासी हैं. वे जंगल में रहते थे. उन्होंने भगवान राम की रक्षा की. उनकी सहायता की. वहां पे कोई करणी सेना नहीं गई. क्षत्रिय नहीं गए. ब्राह्मण की सेना नहीं गई.'
उन्होंने कहा था 'वहां पर अगर किसी ने भगवान राम की कोई मदद की है, तो वो आदिवासियों ने की है. हम यह बर्दाश्त नहीं करेंगे, अगर कोई हमारे बजरंगबली, जो आदिवासी हैं, उनका कोई अपमान करेगा. उनका नाम लेकर सड़क पर उतरेगा, उनको बदनाम करेगा, तो आदिवासी समाज उसको छोड़ेगा नहीं.'