MP News: भारतीय सेना (Indian Army) में अहीर रेजिमेंट की मांग (Ahir Regiment Demand) जोर पकड़ती जा रही है. मध्य प्रदेश विधानसभा (MP Assembly) में आज कांग्रेस (Congress) के एक विधायक अशासकीय संकल्प लेकर आए हैं. कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य विवेक तंखा (Vivek Tankha) ने भी अहीर रेजिमेंट बनाने की मांग का समर्थन किया है. मध्य प्रदेश विधानसभा की कार्यवाही में विधायक संजय यादव (Sanjay Yadav) के संकल्प को आज शुक्रवार को चर्चा के लिए सूचीबद्ध किया गया है. विधानसभा सचिवालय को दिए अशासकीय संकल्प में संजय यादव ने मांग की है कि अहीर रेजीमेंट का भारतीय सेना में गठन किया जाए.


सेना में अहीर रेजीमेंट गठन की मांग ने पकड़ा जोर


संजय यादव ने पत्र की कॉपी ट्वीट पर साझा करते हुए लिखा है कि, 'यह सदन केंद्र शासन से अनुरोध करता है कि भारतीय सेना में ' अहीर रेजिमेंट' का गठन किया जाए, जिससे सन 1962 में चीन के खिलाफ हुए रेजंग ला युद्ध में शहीद अहीर योद्धाओं के बलिदान को सच्ची श्रद्धांजलि मिल सके."


विधायक संजय यादव ने ट्विटर पर आगे लिखा है कि इसके लिए सदन में पूरे जोश के साथ यादव अहीर समाज की आवाज बुलंद करूंगा. जय हिंद, जय भारत, जय यादव जय माधव. उन्होंने मांग से जुड़े कई हैशटेग भी लगाए हैं.


कांग्रेस सांसद विवेक तंखा वीडियो जारी कर बोले


सांसद विवेक तंखा ने एक वीडियो संदेश जारी करते हुए अहीर रेजिमेंट बनाने की मांग का समर्थन किया है. उन्होंने कहा है कि हमारे देश में जातियों या प्रदेशों के नाम पर रेजीमेंट बनाने की परंपरा है. यादव समाज की अहीर रेजिमेंट बनाने की मांग इसलिए वाजिब है क्योंकि उन्होंने देश की सुरक्षा और रक्षा के लिए बहुत योगदान दिया है.






भारतीय सेना में अहीर रेजिमेंट की मांग बहुत पुरानी है लेकिन हाल ही में आजमगढ़ से बीजेपी सांसद दिनेश लाल यादव 'निरहुआ' ने मांग को फिर हवा दे दी. 'निरहुआ' ने 1962 के भारत-चीन युद्ध में अहीरों के शौर्य और बहादुरी को याद करते हुए सेना में अहीर रेजिमेंट की मांग को आगे बढ़ाया है.1962 के युद्ध में अहीर सैनिकों के रेजंग ला में शौर्य को देश कभी नहीं भूल सकता है.


मोर्चा लेने वाली सैनिक टुकड़ी के अधिकतर जवान 13वीं बटालियन में अहीर थे. उन्हों चीनी सैनिकों का डटकर सामना किया. अहीर समुदाय के सदस्य लंबे समय से मांग कर रहे हैं कि सेना में एक अलग अहीर रेजिमेंट होनी चाहिए.1962 युद्ध के 50 वर्ष पूरे होने पर 2012 में एक बार फिर मांग को आगे बढ़ाया गया. अब कांग्रेस ने भी अहीर रेजिमेंट की मांग को समर्थन दिया है.


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