(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
MP Politics: कांग्रेस के सांसद विवेक तन्खा की मुख्यमंत्री मोहन यादव से मांग, बोले- हमारे यहां से भी एक को बनाओ डिप्टी सीएम
Jabalpur: राज्यसभा सदस्य विवेक तन्खा ने सीएम मोहन यादव से जबलपुर से किसी भी बीजेपी विधायक को डिप्टी सीएम बनाने की मांग की है. इसके साथ ही मंत्रिमंडल गठन को लेकर चर्चाओं का दौर भी शुरू हो गया है.
MP News: कांग्रेस नेता और राज्यसभा सदस्य विवेक तन्खा ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से बड़ी मांग की है. उन्होंने कहा कि मंत्री मंडल में आवश्यक स्थान के साथ महाकौशल के प्रमुख शहर जबलपुर से एक उप मुख्यमंत्री भी दिया जाना चाहिए. वैसे,चर्चा है कि आज कल में मध्य प्रदेश में कुछ सीनियर मंत्रियों को शपथ दिलाई जा सकती है. इसमें जबलपुर की पश्चिम विधानसभा सीट से जीत दर्ज करने वाले राकेश सिंह का नाम भी हो सकता है.
जबलपुर जिले से एक डिप्टी सीएम बनाने की मांग
आपको बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के पिछले कार्यकाल के दौरान जबलपुर से किसी भी बीजेपी विधायक को मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली थी. जबकि,साल 2018 में जबलपुर जिले की आठ में से चार विधानसभा सीटों पर बीजेपी ने जीत दर्ज की थी. इस बार बीजेपी ने जिले की 7 सीटें जीत ली हैं.
मध्य प्रदेश के राजनीतिक गलियारों में अक्सर महाकौशल और जबलपुर उपेक्षित महसूस करता है. इसी वजह से राज्यसभा सदस्य विवेक तन्खा ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का ध्यान आकर्षित करते हुए सोशल मीडिया X पर लिखा कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जबलपुर महाकौशल की अघोषित राजधानी है. मंत्री मंडल में आवश्यक स्थान मिलना चाहिए और मिलेगा. मगर मेरा आग्रह है कि एक उपमुख्यमंत्री का पद भी जबलपुर और महाकौशल को मिलना चाहिए. अगर जबलपुर को फिर नज़रअंदाज किया गया तो बड़ी नाइंसाफी होगी.
मुख्य मंत्री जी @DrMohanYadav51 जबलपुर महाकौशल की अघोषित राजधानी है। मंत्री मंडल में आवश्यक स्थान मिलना चाहिए और मिलेगा। मगर मेरा आग्रह है कि एक “उप मुख्य मंत्री” का पद भी जबलपुर और महाकौशल को मिलना चाहिए। अगर जबलपुर को फिर नज़र अन्दाज़ किया गया तो बड़ी नाइन्साफ़ी होगी। #जबलपुर
— Vivek Tankha (@VTankha) December 14, 2023 [/tw]
मंत्रिमंडल को लेकर जारी है चर्चाओं का दौर
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की सरकार का कामकाज शुरू होने के बाद अब मंत्रिमंडल गठन को लेकर चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है. जिस तरीके से मुख्यमंत्री का नाम सामने आया था, लोग कयास लगा रहे हैं कि मंत्रिमंडल का गठन भी इसी अंदाज में होगा. बड़े पदों पर विंध्य, मालवा और ग्वालियर-चंबल को महत्व मिलने के बाद लोगों का कहना है कि पिछले कई वर्षों से उपेक्षित जबलपुर जिले को पर्याप्त प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए. पिछले कार्यकाल में एक भी मंत्री पद जबलपुर जिले को नहीं मिला था.
वहीं, कांग्रेस ने अपने 15 माह के शासनकाल में जबलपुर को 2 कैबिनेट मंत्री दिए थे. जब दोबारा बीजेपी सरकार आई, तब भी यह मांग उठी थी कि शहर से मंत्री पद दिया जाए लेकिन पूरा कार्यकाल बीत जाने के बावजूद मंत्री पद की घोषणा नहीं की गई. इस दौरान वरिष्ठ बीजेपी नेता और विधायक अजय विश्नोई लगातार मुखर रहे. अब नए मंत्रिमंडल का गठन होने वाला है तो फिर उम्मीद लगाई जा रही है कि इस बार जीते 7 विधायकों में से दो से तीन मंत्री जबलपुर से बनाए जाएं. इसके लिए कुछ विधायक अपने स्तर पर भोपाल से लेकर दिल्ली तक लॉबिंग भी कर रहे हैं.
मंत्रिमंडल में पर्याप्त जगह देने की मांग
इसी तरह महाकौशल क्षेत्र से भी मंत्रिमंडल में पर्याप्त जगह देने की मांग उठ रही है, ताकि इस क्षेत्र की उपेक्षा न हो और विकास की गति में प्रदेश के साथ पूरा क्षेत्र चल सके. महाकौशल क्षेत्र में बीजेपी का पलड़ा भारी रहा. महाकौशल क्षेत्र में आने वाली 38 विधानसभा सीट में से बीजेपी ने 21 सीट और कांग्रेस ने 17 सीट पर जीत हासिल की. पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 24 सीट पर और बीजेपी ने 13 सीट पर जीत हासिल की थी. कहा जा रहा है कि इस बार सीटें बढ़ीं है कि तो महत्व भी बढ़ाया जाए.
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