Bhopal News: साल 2018 के विधानसभा चुनाव (MP Assembly Election 2023) में आदिवासी वोटों के सहारे सत्ता तक पहुंची कांग्रेस एक बार फिर आदिवासी वर्ग को साधने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है.साल 2018 के विधानसभा चुनाव में मध्य प्रदेश की 47 आदिवासी वर्ग की सुरक्षित सीटों में से कांग्रेस ने 30 सीटों पर विजय हासिल की थी.विगत विधानसभा चुनाव और नगरीय निकाय चुनाव में किए उसी प्रयोग को एक बार फिर से कांग्रेस इस विधानसभा चुनाव में दोहराने जा रही है. इस बार भी कांग्रेस को इन सीटों पर गैर राजनीतिक उम्मीदवारों की तलाश है.


2018 के विधानसभा और निकाय चुनाव में सफल हुआ था यह प्रयोग


इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने जो रणनीति बनाई है, उसके अनुसार वो आदिवासी सीटों पर गैर राजनीतिक चेहरों पर भरोसा जताएगी.हालांकि की कांग्रेस की रणनीति के अनुसार समाज में सक्रिय रहने वाले लोगों को टिकट दिया जा सकता है. इसके लिए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता समाज में सक्रिय और सेवानिवृत्त अधिकारियों की जानकारी जुटा रहे हैं. 


बता दें कि बीते साल मध्य प्रदेश में हुए नगरीय निकाय चुनाव में कांग्रेस ने एक नया प्रयोग किया था.इस प्रयोग के तहत कांग्रेस ने गैर राजनीतिक लोगों को नगरीय निकाय का टिकट दिया था.कांग्रेस के इस प्रयोग के सकारात्मक परिणाम भी देखने को मिले.पूरे प्रदेश में कांग्रेस के पांच महापौर बने जो गैर राजनीतिक रहे.


क्या तैयारी है कमलनाथ की


विधानसभा चुनाव में आदिवासी सीटों पर जीताऊ उम्मीदवारों की तलाश के लिए कांग्रेस ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को जिम्मेदारी सौंपी है.वरिष्ठ नेता आदिवासी सीटों पर सामाजिक रूप से सक्रिय और सेवानिवृत्त अधिकारियों की जानकारी जुटा रहे हैं.कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री चंद्रिका प्रसाद द्विवेदी के अनुसार साल के अंतिम महीनों में विधानसभा चुनाव है.साल 2018 की भांति इस चुनाव में भी कांग्रेस जीत दर्ज करेगी.जनता का विश्वास कांग्रेस के साथ है.विधानसभा चुनाव में जीत के लिए पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ सभी पहलुओं पर काम कर रहे हैं.उनका विश्वास है कि आगामी विधानसभा चुनाव में आदिवासी सीटों पर हमारा प्रदर्शन पिछले चुनाव से भी बेहतर होगा.


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