Jabalpur Municipal President Election: मध्य प्रदेश के जबलपुर में नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष और नगर अध्यक्ष का चयन कांग्रेस ने फिलहाल टाल दिया है. जबलपुर लोकसभा सीट के प्रभारी और पूर्व मंत्री सुखदेव पांसे गुरुवार (15 फरवरी) को स्थानीय नेताओं से रायशुमारी के बाद बिना कोई फैसला लिए वापस लौट गए. कहा जा रहा है कि स्थानीय स्तर पर देखते हुए अब इन दोनों पदों के लिए फैसला भोपाल में पार्टी नेतृत्व लेगा. नगर सत्ता में विपक्षी होने के बाद कांग्रेस में अब नेता प्रतिपक्ष और नए नगर अध्यक्ष के चयन को लेकर जमकर घमासान मचा हुआ है. महापौर समेत कई नेताओं के बीजेपी में शामिल होने के बाद पार्टी में अंदरूनी कलह मची हुई है. इसके कारण प्रदेश संगठन पर डैमेज कंट्रोल के साथ कार्यकर्ताओं का मनोबल मजबूत करना और आगामी लोकसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन का दबाव बना हुआ है.


इन्हीं तमाम बातों को लेकर गुरुवार को पीसीसी के निर्देश पर जबलपुर लोकसभा प्रभारी सुखदेव पांसे शहर प्रवास पर पहुंचे. नेता प्रतिपक्ष को चुनने के लिए उन्होंने कांग्रेस पार्षदों की बैठक बुलाई थी. ऐसा माना जा रहा था कि इस बैठक में वोटिंग के आधार पर नेता प्रतिपक्ष चुना जाएगा. इसके लिए पांसे ने कांग्रेस के सभी 30 पार्षदों से वन-टू-वन चर्चा कर उनके प्रेजेंटेशन सुने.


वहीं, कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि पूर्व और पश्चिम विधानसभा क्षेत्रों के पार्षदों ने सुखदेव पांसे के साथ चयन समिति के सदस्यों के सामने स्पष्ट तौर पर कह दिया कि उनके नेता (विधायक और पूर्व विधायक) जो तय करेंगे, वही उनका अभिमत होगा. इसलिए अब कहा जा रहा है कि नेता प्रतिपक्ष का चयन जिले के इकलौते कांग्रेस विधायक लखन घनघोरिया और पूर्व वित्त मंत्री तरुण भनोत के पाले में पहुंच गया है. यह दोनों ही कमलनाथ खेमे के करीबी बताए जाते हैं. माना जा रहा है कि अब फैसला कमलनाथ दरबार में होगा.


शहर अध्यक्ष को लेकर मची खींचतान


कांग्रेस पार्षदों की बैठक के बाद सुखदेव पांसे ने वरिष्ठ नेताओं के साथ संगठन के पदाधिकारियों की बैठक भी ली. इसमें नए शहर अध्यक्ष को लेकर रायशुमारी हुई लेकिन यहां भी जमकर खींचतान मची रही. बैठक में विधायक लखन घनघोरिया, पूर्व मंत्री तरुण भनोत, पूर्व विधायक विनय सक्सेना, संजय यादव, नीलेश अवस्थी, विभाष जैन और अभिषेक चौकसे चिंटू मौजूद रहे. कांग्रेस पार्षदों और वरिष्ठ नेताओं की बैठक के बाद कांग्रेस के लोकसभा प्रभारी सुखदेव पांसे रसल चौक स्थित कांग्रेस कार्यालय में पार्टी कार्यकर्ताओं के सम्मेलन में पहुंचे.


पांसे ने अपने उद्बोधन में पार्टी छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए नेताओं पर तंज कसते हुए कहा कि कमजोर ईमान वाले साथ छोड़कर चले गए, लेकिन विषम परिस्थितियों में साथ खड़े रहने वाला ही सच्चा कांग्रेसी होता है. विधायक लखन घनघोरिया ने कहा कि पिछले 20 वर्षों से प्रदेश में सत्ता से दूर रहने के बाद भी कांग्रेस के कार्यकर्ता आज भी मजबूती के साथ पार्टी के साथ खड़े हैं. इसके बाद सम्मति सैनी, दिनेश यादव, विभाष जैन, कदीर सोनी, मुकेश राठौर, सौरभ नाटी शर्मा, राजेश तिवारी ने लोकसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर विचार रखे.


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