दलितों की हत्या पर कांग्रेस ने बीजेपी सरकार को घेरा, प्रियंका गांधी ने जताई चिंता, कमलनाथ ने साधा निशाना
Sagar News: सागर जिले के बरोदिया नोनागिर में दलित परिवार की तीन मौतों ने राजनीतिक उबाल ला दिया है. पिछले एक साल में परिवार के एक सदस्य की हत्या और एक युवती की संदिग्ध मौत हुई है.
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Congress On Dalit Woman's Death In Sagar: मध्य प्रदेश के सागर जिले के खुरई विधानसभा क्षेत्र के बरोदिया नोनागिर में पिछले एक साल के भीतर एक दलित परिवार में दबंगों द्वारा की दो हत्याएं और एक युवती की संदिग्ध मौत ने राजनेतिक सियासत गर्मा दी है. पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने अपनी मुंह बोली भांजी की मौत और उसके चाचा की हत्या में पीड़ित परिवार से मिलने आए और प्रशासन सरकार पर लापरवाही के आरोप लगाए.
आज कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और पूर्व सीएम कमलनाथ ने सोशल मीडिया पर बीजेपी को दलित और महिला विरोधी बताया. आज कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी पीड़ितों से मिलने पहुंचे और घटना की सीबीआई से जांच कराने की मांग की. उन्होंने फोन से पीड़ित परिवार की राहुल गांधी से चर्चा कराई.
जीतू पटवारी ने मीडिया से कहा कि बीजेपी सरकार में दलित और महिलाओं पर सर्वाधिक अत्याचार हो रहे हैं. बड़ोदिया नोनागिर में सरकार दलित परिवार को सुरक्षा नहीं दे पाई और तीन मौत हो गई. उन्होंने कहा कि हमारी मांग है कि मामले की सीबीआई जांच कराए. कांग्रेस इसको लेकर कोर्ट भी जाएगी. उन्होंने बताया कि कांग्रेस दलितों की लड़ाई लडेगी. आज पीड़ित की राहुल गांधी जी ने चर्चा की है उन्होंने भी मदद का भरोसा जताया है.
क्या है मामला
शनिवार को बड़ोदिया नोनागिर निवासी राजेंद्र अहिरवार की हत्या कर दी गई थी. राजेंद्र का शव लेकर आ रही भतीजी अंजना ने एंबुलेंस से कूदकर आत्महत्या कर ली थी. दोनो पिछले साल हुई एक हत्या के मुख्य गवाह थे. अंजना के भाई लालू की हत्या हुई थी. इस मामले में पिछले साल दिग्विजय सिंह न्याय दिलाने बड़ोदिया नौनागीर आए थे. आज इसी परिवार में फिर मौत होने पर दिग्विजय सिंह आए और प्रशासन को घेरा. उस समय दिग्विजय सिंह ने मृतक की मां और बहन से राखी बंधवाई थी और रक्षा करने और न्याय का भरोसा दिलाया था.
मध्य प्रदेश में एक दलित बहन के साथ घटी ये घटना दिल दहला देने वाली है। भाजपा के लोग संविधान के पीछे इसलिए पड़े हैं क्योंकि वे नहीं चाहते कि देश की महिलाएं, दलित, आदिवासी, पिछड़े सम्मान के साथ जीवन जिएं, उनकी कहीं कोई सुनवाई हो।
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) May 27, 2024
दिल्ली में पहलवान बहनें हों, हाथरस-उन्नाव की… https://t.co/KVqxXQPfuC
प्रियंका गांधी ने सोशल मीडिया पर लिखा
प्रियंका गांधी ने लिखा, ''मध्य प्रदेश में एक दलित बहन के साथ घटी ये घटना दिल दहला देने वाली है. बीजेपी के लोग संविधान के पीछे इसलिए पड़े हैं क्योंकि वे नहीं चाहते कि देश की महिलाएं, दलित, आदिवासी, पिछड़े सम्मान के साथ जीवन जिएं, उनकी कहीं कोई सुनवाई हो.
दिल्ली में पहलवान बहनें हों, हाथरस-उन्नाव की पीड़िताएं हों या फिर ये भयावह कांड- जहां भी महिला पर अत्याचार हुआ, नरेंद्र मोदी जी और उनकी सरकार ने आरोपियों को ही बचाया. जिन बहनों पर अत्याचार हुआ, अगर उन्होंने न्याय मांगा तो उनके परिवारों को तबाह कर दिया गया. ''
मध्यप्रदेश के सागर जिले के ग्राम बरोदिया नोनागिर में दलित युवती अंजना अहिरवार द्वारा छेड़छाड़ की शिकायत से खिन्न गुंडों ने युवती के भाई नितिन अहिरवार की पिछले वर्ष अगस्त माह में हत्या कर दी थी। हत्या में बीजेपी नेताओं की संलिप्तता सामने आई थी।
— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) May 28, 2024
हत्या के बाद पीड़ित परिवार पर…
कमलनाथ ने X पर लिखा
कमलनाथ ने लिखा, ''मध्य प्रदेश के सागर जिले के ग्राम बरोदिया नोनागिर में दलित युवती अंजना अहिरवार द्वारा छेड़छाड़ की शिकायत से खिन्न गुंडों ने युवती के भाई नितिन अहिरवार की पिछले वर्ष अगस्त माह में हत्या कर दी थी. हत्या में बीजेपी नेताओं की संलिप्तता सामने आई थी.
हत्या के बाद पीड़ित परिवार पर समझौते के लिए लगातार दबाव बनाया जा रहा था. पीड़ित परिवार समझौते के लिये तैयार नहीं हुआ तो दो दिन पूर्व पीड़िता के चाचा राजेंद्र अहिरवार की भी हत्या कर दी गई.
जब पीड़ित युवती के चाचा का पोस्टमार्टम कराकर शव को वापस ले जाया जा रहा था, तब रास्ते में पीड़िता अंजना अहिरवार संदिग्ध परिस्थितियों में एंबुलेंस से गिर गई और उसकी भी मृत्यु हो गई.
मैं यह सुनकर स्तब्ध हूं कि किस तरह 9 महीने के भीतर एक दलित बेटी की छेड़छाड़ की शिकायत पर पहले उसके भाई की हत्या, फिर उसके चाचा की हत्या और फिर संदिग्ध परिस्थितियों में उस बेटी की भी मौत हो गई.
पीड़िता के भाई की हत्या के बाद प्रशासन ने पीडिता को नौकरी और सुरक्षा समेत कई आश्वासन दिये थे, उनमें से कुछ भी पूरे नहीं किये गये. अंजना को नौकरी नहीं मिली, घर से सुरक्षा हटा दी गई, सीसीटीवी के केबल काट दिये गये. राजीनामा के लिये बार बार दबाव बनाया गया. पीड़ित बेटी ने थाने में शिकायत भी की परन्तु कोई कार्रवाई नहीं की गई.
क्या मध्यप्रदेश में अब दलित होना गुनाह हो गया है ? क्या एक पूरे दलित परिवार को ख़त्म करने वाले बीजेपी संरक्षित आरोपियों को सजा मिलेगी ? क्या मुख्यमंत्री इस परिवार के बचे हुए सदस्यों का जीवित बचना सुरक्षित करेंगे ?''
सागर से विनोद आर्य की रिपोर्ट
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