MP Assembly Election 2023: विधानसभा चुनाव से पहले मध्य प्रदेश में किसानों की आय दोगुनी होने के मुद्दे पर पक्ष विपक्ष आमने सामने हैं. हाल ही में दिए गए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बयान पर कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं. साल 2018 के विधानसभा चुनाव में किसानों का कर्ज दो लाख माफ करने की घोषणा पर कांग्रेस ने सरकार बना ली. इस साल होने जा रहे विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस-बीजेपी की नजर किसानों के वोट बैंक पर है. कांग्रेस ने एक बार फिर किसानों का कर्ज माफ करने की घोषणा कर दी है. दूसरी तरफ बीजेपी किसानों की आय दोगुनी करने का दावा कर रही है.


किसानों की आय दोगुनी के मुद्दे पर सियासत


मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में दोहराया था कि मध्य प्रदेश के किसानों की आय दोगुनी हो गई है. मुख्यमंत्री के बयान पर अब कांग्रेस ने जमकर निशाना साधा. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की घोषणा दावे को झूठा करार दिया है. कृषि मंत्री कमल पटेल किसानों की आय दोगुनी से भी अधिक होने का दावा कर रहे हैं. दूसरी तरफ विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह ने शिवराज सरकार के दावों को गलत बताया है. कांग्रेस का कहना है कि किसानों की आय पहले से भी कम हुई है.


जानिए कृषि पर बनी स्थाई समिति की रिपोर्ट


कृषि पर बनी स्थाई समिति ने संसद में 22 मार्च 2022 को रिपोर्ट पेश करते हुए कहा था कि साल 2015-16 में किसान परिवार की मासिक आय 9740 थी जो साल 2018 में 18 फीसद यानी 1361 रुपए घटकर 8339 रह गई. हालांकि साल 2013 से 2015 के बीच आय में 56 फीसदी की बढ़ोतरी हुई थी लेकिन 2018 में फिर मासिक आय 18 फीसद कम हो गई. किसानों की आय दोगुनी करने के मुद्दे पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है मगर सरकार के पास फिलहाल ताजा आंकड़े नहीं हैं.


मध्य प्रदेश के किसानों की आमदनी पर भी गोलमोल जवाब सामने आता है. नेशनल सैंपल सर्वे ऑर्गेनाइजेशन (NSSO) के मुताबिक साल 2013 में मध्य प्रदेश के किसानों की आय 6210 रुपए थी. 5 साल बाद 2018 में आमदनी 2029 प्रति माह बढ़ गई. अगर मासिक आय 12420 हो जाती तो आंकड़ा दोगुना माना जाता लेकिन पुराने आंकड़ों के मुताबिक मध्य प्रदेश के किसानों की मासिक आय में एक तिहाई की ही बढ़ोतरी हुई है. किसानों की मासिक आय में भले ही दोगुनी बढ़ोतरी नहीं हुई हो लेकिन मध्य प्रदेश ने कृषि के क्षेत्र में खूब तरक्की की है.


कृषि के क्षेत्र में दिया जाने वाला कृषि कर्मण अवार्ड मध्य प्रदेश को मिला है. सोयाबीन और दलहन के उत्पादन में मशहूर मध्य प्रदेश का भौगोलिक क्षेत्रफल 307.56 लाख हेक्टेयर है जो देश के कुल भूभाग का 9.38 फीसद है. प्रदेश में 151.91 लाख हेक्टेयर भूमि कृषि योग्य है. वर्तमान में 145 लाख हेक्टेयर पर खरीफ की और 119 लाख हेक्टेयर पर रबी की फसलें पैदा की जा रही हैं. प्रदेश में 110.97 लाख हेक्टेयर भूमि सिंचित है.


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