MP News: उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा मार्ग की दुकानों पर दुकानदारों के नाम लिखे जाने वाले फरमान से बवाल मचा हुआ है. नेमप्लेट की सियासत अब मध्य प्रदेश में भी गर्माने लगी है. इंदौर से बीजेपी विधायक रमेश मेंदोला ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को पत्र लिखा है. पत्र के जरिये उन्होंने यूपी की तर्ज पर मध्य प्रदेश में भी व्यवस्था को लागू करने की मांग की है. बीजेपी विधायक की मांग पर कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया दी है.


मध्य प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता मिथुन अहिरवार ने कहा है कि जात और धर्म की राजनीति बीजेपी का पुराना हथकंडा है. उन्होंने मुख्यमंत्री मोहन यादव को पत्र लिखकर दूरगामी परिणाम से सचेत किया है. मिथुन अहिरवान ने कहा कि उत्तर प्रदेश मॉडल का अनुसरण मध्य प्रदेश में भी होना चिंता का विषय है. उत्तर प्रदेश में ठेले पर नाम लिखने के निर्णय का विरोध एनडीए की सहयोगी पार्टियों ने भी किया है. 


बीजेपी विधायक की मांग पर कांग्रेस का जवाब


कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि बीजेपी विधायक ने मध्य प्रदेश में दुकानों पर दुकानदारों के नाम लिखे की मांग की है. उन्होंने कहा, 'बीजेपी विधायक का बयान निंदनीय है. भोजन बनाने की व्यवस्था में लगे दलितों को पूर्वाग्रह की नजर से देखा जाता है. मध्य प्रदेश समेत पूरे देश में उदाहरण मिल जायेंगे. दलित महिलाओं के हाथों मिड डे मील का बना खाना खाने से बच्चों ने इनकार कर दिया.' उन्होंने कहा कि मुस्लिम युवक की गलत पहचान होने पर पिटाई कर दी गयी. पिटाई के बाद पता चला कि पीड़ित युवक दलित है. 




'मुन्ना-लकी-गुड्डू जैसे नाम से स्पष्ट नहीं होगा'


पत्र में कांग्रेस विधायक ने पत्र में लिखा कि किसी के नाम से पता नहीं चलता कि भोजन शुद्ध शाकाहारी है या मांसाहारी. सभी समाज के लोग भोजन को प्राथमिकता में रखते हैं. उन्होंने कहा कि गुड्डू, मुन्ना, लकी जैसे नाम से किसी का धर्म या जात नहीं पता चलता. आगे जाकर हो सकता है कि सरनेम भी लिखने को कहा जाये. दलित समाज से जुड़े नागरिक के तौर पर उन्होंने बीजेपी विधायक की मांग को खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में पूर्वाग्रह से ग्रसित या घृणित राजनीति को स्थान नहीं दिया जाए.


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