MP News: हाई कोर्ट के आदेश के अधीन होगी आरक्षक भर्ती प्रक्रिया, इन लोगों ने दी है अदालत में चुनौती
MP News: याचिकाकर्ताओं के वकील नरिंदरपाल सिंह रूपराह ने दलील दी कि एक्स सर्विसमैन के पदों को सामान्य श्रेणी के अभ्यर्थियों नहीं भरे जा सकते. नियमत: इन पदों पर सिर्फ एक्स सर्विसमैन ही भर्ती होंगे.
जबलपुर: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में चल रही पुलिस आरक्षकों की भर्ती प्रक्रिया (Constable Recruitment Process) अब हाईकोर्ट के एक आदेश के अधीन होगी. भूतपूर्व सैनिकों (Ex Army Men) की ओर से दायर 33 याचिकाओं पर सुनवाई के बाद मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने यह फैसला दिया है. यहां आपको बता दें कि मध्य प्रदेश में आरक्षकों के 6 हजार पदों पर भर्ती चल रही है. याचिका पर अगली सुनवाई 5 मई को होगी.
हाई कोर्ट में कितनी याचिकाएं दायर की गई हैं
याचिका में मध्य प्रदेश में हो रही पुलिस आरक्षक भर्ती प्रक्रिया में एक भी पूर्व सैनिक को न चुने जाने का मामला में उठाया गया है. सभी याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने मध्य प्रदेश शासन समेत व्यवसायिक परीक्षा मंडल भोपाल को नोटिस जारी करते हुए जवाब-तलब किया है.
इसके साथ ही कोर्ट ने यह आदेश भी दिए हैं कि फिलहाल प्रदेश में जारी आरक्षकों की भर्ती प्रक्रिया हाईकोर्ट के अंतिम आदेश के अधीन रहेगी. गौरतलब है कि 33 याचिकाकर्ताओं ने अपनी याचिका के माध्यम से दलील दी कि मध्य प्रदेश शासन ने कुल पुलिस आरक्षकों (जीडी और रेडियो) के पदों का चयन करने के लिए भर्ती परीक्षा आयोजित की थी. इनमें 601 पद एक्स सर्विसमैन के लिए आरक्षित किए गए थे. आरक्षकों के कुल 6000 पदों के लिए लिखित परीक्षा पूर्ण हो चुकी है. इसमें 30 हजार उम्मीदवारों को फिजिकल टेस्ट के लिए शॉर्टलिस्ट किया गया है. इसमें एक भी फौजी या एक्स सर्विसमैन शामिल नहीं है, जो कहीं ना कहीं नियमों का उल्लंघन है.
याचिकाकर्ताओं की दलील क्या है
याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता नरिंदर पाल सिंह रूपराह ने यह दलील भी दी कि एक्स सर्विसमैन के पदों को सामान्य श्रेणी के अभ्यर्थियों द्वारा नहीं भरा जा सकता. क्योंकि नियम के मुताबिक एक्स सर्विसमैन के पदों पर सिर्फ एक्स सर्विसमैन ही भर्ती होते हैं. इन तमाम तर्कों को सुनने के बाद हाई कोर्ट ने शासन समेत अन्य से जवाब-तलब किया है और पूरे प्रकरण की अगली सुनवाई 5 मई को नियत कर दी है.
याचिकाकर्ताओ ने एक आंकड़ा भी पेश किया है, जो यह कहता है कि अगर एक्स सर्विसमैन के लिए आरक्षित 601 पदों के लिए उम्मीदवारों का चयन होता तो प्रथम चरण में 3000 से अधिक अभ्यर्थी शॉर्टलिस्ट किए जा सकते थे, लेकिन किसी को भी शासन ने पात्र नहीं माना.
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