MP Contract Health Workers Protest: अपनी तीन सूत्रीय मांगों के निराकरण को लेकर प्रदेश के 32 हजार संविदा स्वास्थ्यकर्मियों ने आंदोलन की शुरुआत की है. आंदोलन के पहले दिन एक मई को संविदा स्वास्थ्यकर्मियों ने काली पट्टी बांधकर मरीजों का इलाज किया तो वहीं मंगलवार को दूसरे दिन संविदा स्वास्थ्य कर्मियों ने मप्र के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभूराम चौधरी का बंगला घेर लिया. संविदा स्वास्थ्यकर्मी मंत्री प्रभूराम चौधरी के घर के सामने जा पहुंचे और वहीं बैठ गए. आंदोलन की इस श्रंखला में तीन मई से संविदा स्वास्थ्यकर्मी अनिश्चितकालीन हड़ताली की शुरुआत करेंगे.


प्रदेश के चिकित्सीय महासंघ के मुख्य संयोजक डॉ. राकेश मालवीय ने मीडिया से चर्चा करे हुए बताया कि हम कल एमडी मेडम से मिले, हमने उन्हें बताया कि क्या लगता नहीं आपको प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं ठप्प हो गई है. जब इतनी अव्यवस्थाएं फैल रही हैं तो हमें लगा कि अब हमारे विभाग के मंत्रीजी को भी हम बता दें उन्हें भी ज्ञापन दे दें. अध्यक्ष मालवीय ने बताया कि संविदा स्वास्थ्यकर्मी बीते 20 साल से परेशान हैं. हर बार संविदा स्वास्थ्यकर्मियों को आश्वासन ही मिलता है. 
उन्होंने आगे कहा कि तीन महीने पहले भी जब हमने हड़ताल की थी तो हमें आश्वासन मिला था कि एक महीने के अंदर सभी समस्याएं हल कर दी जाएंगी, लेकिन तीन महीने बाद भी कोई सुध नहीं ली गई है. प्रदेश के 32 हजार संविदा स्वास्थ्यकर्मियों में अब आक्रोश है. आठ तारीख को 32 हजार संविदा स्वास्थ्यकर्मी अपने परिवार के साथ सीएम शिवराज सिंह चौहान से भी मुलाकात करेंगे. 


तीन प्रमुख मांगें
1. सभी संविदा कर्मचारियों को नियमित किया जाए, 
2. हमारे पूर्व में संविदा कर्मचारी थे उन्हें निष्कासित कर दिया गया है, उनकी वापसी हो.
3. हमने तीन महीने पहले जो आंदोलन किया था उसमें हमारे कुछ साथियों पर प्रकरण दर्ज किए गए, धाराएं लगाई हैं, उन प्रकरणों को वापस लिया जाए. 
काली पट्टी बांधकर किया इलाज


बता दें, मध्य प्रेश के 32 हजार संविदा स्वास्थ्यकर्मयों की आंदोलन की शुरुआत एक मई से हुई है. पहले दिन काली पट्टी बांधकर संविदा डॉक्टरों ने मरीजों का इलाज किया है. जबकि आंदोलन के दूसरे दिन आज मंगलवार को डॉक्टर दो घंटे तक काम नहीं किया. तीन मई से अनिश्चितकालीन हड़ताल की शुरुआत हो जाएगी. आंदोलनरत डॉक्टरों ने इसके लिए बकायादा बीते दिनों ही हमीदिया अस्पताल में बैनर पोस्टर लगा दिए थे. इसी के साथ ही मरीजों की परेशानियों को देखते हुए हमीदिया अस्पताल के कई डॉक्टर मरीजों के पर्चे पर दवाईयों के साथ ही अनिश्चितकालीन हड़ताल की तारीख भी लिखकर दी थी. 


बैनतीजा निकली थी बैठक
प्रदेश के चिकित्सीय महासंघ के मुख्य संयोजक डॉ. राकेश मालवीय के अनुसार पिछले सप्ताह चिकित्सक महासंघ और विभागीय अधिकारियों की औचक बैठक का आयोजन किया गया था. इस बैठक के दौरान अधिकारियों ने डॉक्टरों की मांगें मानने से इंकार कर दिया था. डॉ. मालवीय के अनुसार वित्तीय भार का कोई मामला नहीं है. इसी के चलते चिकित्सक महासंघ द्वारा तीन मई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है. इस हड़ताल में मेडिकल कॉलेज सहित जिला स्पताल और अन्य विभागों के डॉक्टर शामिल रहेंगे. 


दो महीने पहले की थी हड़ताल
बता दें अपनी विभिन्न मांगों को लेकर चिकित्सक महासंघ द्वारा फरवरी महीने में भी हड़ताल की थी. हालांकि उनकी यह हड़ताल पहले ही दिन समाप्त हो गई थी. हड़ताल के बाद चिकित्सक महासंघ के पदाधिकारियों ने सीएम शिवराज सिंह चौहान व उच्च शिक्षा मंत्री विश्वास कैलाश सारंग के आश्वासन के बाद हड़ताल समाप्त कर दी थी, लेकिन अब एक बार फिर चिकित्सक महासंघ ने हड़ताल पर जाने का ऐलान किया है.


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