Cooking oil Prices: रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण बढ़ने लगे खाने के तेल के भाव, जानें एमपी कितनी बढ़ी है कीमत
Russia Ukraine War: रूस (Russia) और यूक्रेन (Ukraine) के आपसी युद्ध के बीच खाने के तेल (Oil) के भाव बढ़ गए हैं. इसका असर मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में तेल की कीमतों पर पड़ा है.
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Food oil Price: रूस (Russia) और यूक्रेन (Ukraine) के आपसी युद्ध के बीच खाने के तेल (Oil) के भाव बढ़ गए हैं. जिससे उपभोक्ता खासा परेशान है. मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में सोयाबीन (Soybean) और मूंगफली (Groundnut) का तेल सबसे ज्यादा खाने में उपयोग किया जाता है. भोपाल (Bhopal), सीहोर (Sehore), खंडवा, रायसेन व होशंगाबाद में तेल के दाम में खासी बढ़ोतरी हुई है.
कितने बढ़े हैं दाम
इन सभी बड़े शहरों में पिछले 15 दिनों में अकेले सोयाबीन के खाद्य तेल में 30 से 35 रुपये लीटर तक की बढ़ोतरी हो चुकी है. इससे किचन का स्वाद गड़बड़ा गया है. आम उपभोक्ता व्यापारियों को दोष दे रहे हैं तो बड़े व्यापारी दुनिया की अर्थव्यवस्था और विदेशों में सोयाबीन की कम उपज को. बहरहाल जब तक युद्ध नहीं रुकेगा तब तक खाने के तेल के भाव यूं ही बढ़ते रहेंगे क्योंकि की भारत में खाने का तेल बड़ी मात्रा में विदेशों से ही आयात किया जाता है.
क्या बोले उपभोक्ता
भारत देश में भौगोलिकता के आधार पर अलग-अलग राज्यों में तरह-तरह का खाने का तेल उपयोग किया जाता है. रूस और यूक्रेन के बीच आपसी युद्ध होने की वजह से इस समय सभी खाने के तेलों के भाव बढ़ गए हैं. मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा सोयाबीन का तेल खाने में उपयोग किया जाता है. उसके बाद मूंगफली, सरसों और सूरज मुखी का तेल उपयोग होता है. खंडवा में पिछले 15 दिन में सोयाबीन का तेल 160 से 165 रु लीटर हो गया है. लगभग 30 से 35 रु की बढ़ोतरी आ गई है. जिससे उपभोक्ता परेशान है. उपभोक्ता तुकाराम सिसौदिया
का कहना है कि युद्ध तो एक बहाना है. यह सब व्यापारियों के स्टाक करने के कारण भाव बढ़ रहे हैं.
क्या बोले दुकानदार
दुकानदार जय चावला, फुटकर विक्रेता का कहना है कि युद्ध के कारण बड़े व्यापारियों ने तेल के भाव बढ़ा दिए हैं. हमें महंगा मिल रहा है तो महंगा बेच रहे हैं. इसमें हम छोटे दुकानदारों का कोई दोष नहीं है. मोटा मुनाफा तो बड़े व्यापारी ही कमाते हैं.
कितना होता है आयात
मध्यप्रदेश के खंडवा में चेंबर ऑफ कॉमर्स के सचिव सुनील बंसल, चेम्बर तेल रिफायनरी संचालक जो स्वयं भी एक खाने के तेल की रिफाइनरी चलाते हैं. उनका कहना है कि खाद्य तेल के मामले में भारत एक उपभोक्ता देश है. हमारे देश में खाने का तेल लगभग 70% विदेशों से ही आयात किया जाता है. रूस और यूक्रेन सनफ्लावर तेल के बड़े निर्यातक है. युद्ध के कारण सनफ्लावर तेल की आवक कम हो गई है. जिससे उसके भी भाव बढ़ गए है. इसी की वजह से दूसरे तेलों के आयात पर लोड बढ़ने के कारण यह भाव की बढ़ोतरी हुई है. रूस और यूक्रेन के बीच ऐसे ही जंग अगर जारी रही तो खाद्य तेल के साथ अन्य सामग्रियों के भी दाम बढ़ सकते हैं.
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