(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Cow Hug Day: जबलपुर में मनाया गया 'काऊ हग डे', स्वामी अखिलेश्वरानंद ने Valentine Day को बताया 'वासना' का प्रतीक
मध्य प्रदेश गोपालन और पशुधन संवर्धन बोर्ड के उपाध्यक्ष स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरि महाराज ने वैलेंटाइन डे का विरोध करते हुए 'काऊ हग डे' मनाया है. उनका कहना है कि वैलेंटाइन डे सिर्फ वासना पैदा करता है.
Cow Hug Day in Jabalpur: भारतीय पशु कल्याण बोर्ड के बैकफुट पर आने के बावजूद मध्यप्रदेश के जबलपुर शहर में वैलेंटाइन डे को 'काऊ हग डे' (Cow Hug Day) यानी गौ आलिंगन दिवस के रूप में मनाया गया. मध्यप्रदेश गोपालन और पशुधन संवर्धन बोर्ड के उपाध्यक्ष स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरि महाराज ने गौ आलिंगन करते हुए कहा कि वैलेंटाइन डे वासना का प्रतीक है, जबकि गाय प्रेम, करुणा, ममता और वात्सल्य की मूर्ति है.
बता दें कि पूर्व में भारतीय पशु कल्याण बोर्ड ने 14 फरवरी को 'गौ आलिंगन दिवस' मनाने की अपील की थी. स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरि महाराज ने भी भारतीय पशु कल्याण बोर्ड की अपील का समर्थन किया था लेकिन उसकी इस अपील का जब देशभर में विरोध हुआ तो वह बैकफुट में आ गया और बोर्ड ने अपनी इस अपील को वापस ले लिया.
वैलेंटाइन डे सिर्फ वासना पैदा करता है: स्वामी अखिलेश्वरानंद
मध्यप्र देश गोपालन और पशुधन संवर्धन बोर्ड के उपाध्यक्ष स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरि महाराज अपनी बात पर कायम रहे. उन्होंने आज वेलेंटाइन डे को गौ आलिंगन दिवस के रूप में मनाया. उन्होंने अपनी गौशाला की तमाम गायों का आलिंगन कर उन्हें प्यार-दुलार दिया. उन्होंने युवक-युवतियों से भी वासना के त्यौहार वैलेंटाइन डे को छोड़कर ममता और वात्सल की मूर्ति गौ माता को आलिंगन करने का आह्वान किया. स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरि महाराज ने कहा कि हम वैलेंटाइन डे के विरोध में है, क्योंकि यह दिन ना तो ममता पैदा करता है, ना ही वात्सल्य पैदा करता है. यह तो सिर्फ वासना पैदा करता है. वासना में डूबने का प्रयास करता है. इसलिए हम इसका विरोध करते हैं.
वैलेंटाइन डे को 'काऊ हग डे' के रूप में मनाने का फैसला
इसके साथ ही जबलपुर में कई महिला संगठनों ने गायों का पूजन-अर्चन कर उन्हें गौग्रास खिलाया. महिलाओं ने गायों को रोटी और गुड़ भी खिलाया. सड़क पर घूमने वाली गायों की सुरक्षा के मकसद को लेकर महिलाओं ने 'काऊ हग डे' मनाने का फैसला किया. रेखा जैन का कहना है कि वैलेंटाइन डे पश्चिमी संस्कृति का प्रतीक है. इसका विरोध होना चाहिए, लेकिन विरोध का तरीका हमने बदल दिया है. अब वैलेंटाइन डे को 'काऊ हग डे' के रूप में मनाने का फैसला लिया है. इससे प्रकृति और पशुओं के प्रति लोगों में प्रेम बढ़ेगा. जिसका फायदा कहीं ना कहीं इंसानियत को ही होगा.
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