Ratnagiri Village Tourism: रत्नागिरी गांव जाने वाले पर्यटक अब क्रोकोडाइल सफारी का मजा ले सकेंगे. पर्यटन और संरक्षण को बढ़ावा देने के प्रयास में राज्य द्वारा संचालित मैंग्रोव सेल ने रत्नागिरी जिले में क्रोकोडाइल सफारी (मगरमच्छ स्पॉटिंग) शुरू किया है. 3 मई से मैंग्रोव सेल द्वारा रत्नागिरी के खेड़ में कोंगों में क्रोकोडाइल सफारी की शुरुआत की गई थी. विशेषज्ञों ने ग्रामीणों को प्रशिक्षण दिया है. ये ग्रामीण है पर्यटकों के गाइ़़ड का काम करेंगे.


सोनगांव में पर्यटकों को मिलेगा होमस्टे
सोनगांव पारिस्थितिकी पर्यटन स्थानीय समुदायों के उत्थान और मैंग्रोव और समुद्री जैव विविधता संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए राज्य वन विभाग के मैंग्रोव और समुद्री जैव विविधता संरक्षण फाउंडेशन द्वारा शुरू की गई समुदाय आधारित संरक्षण पहल का एक हिस्सा है. गांव के मैंग्रोव स्थलों पर लगातार 6 महीने की ट्रेनिंग के बाद करीब 30 ग्रामीण पर्यटकों को मैंग्रोव ट्रेल्स, नाव की सवारी, मगरमच्छ स्पॉटिंग, बर्ड वाचिंग पर ले जाएंगे. इसके साथ-साथ वे पर्यटकों को सोनगांव में होमस्टे भी प्रदान करेंगे.


सर्वे में नदी में 107 मगरमच्छों की पुष्टि


इसके लिए स्थानीय लोगों को पक्षी, मैंग्रोव और जैव विविधता विशेषज्ञों ने प्रशिक्षण दिया है. हालांकि वशिष्ठी नदी में कितने मगरमच्छ हैं इसकी कोई आधिकारिक गणना नहीं हैं, लेकिन स्थानीय लोगों ने नाव की सवारी के दौरान करीब 20 मगरमच्छों को देखा है. वहीं साल 2019-21 के बीच एक गैर सरकारी संगठन इला फाउंडेशन की ओर से किए गए सर्वेक्षण में गढ़ और वशिष्ठी नदी में 107 मगरमच्छ पाए गए थे.


मगरमच्छ सफारी से रोजाना 10-15 कमाई की उम्मीद


मुगर मगरमच्छ जिन्हें मार्श मगरमच्छ भी कहा जाता है, वे भारतीय उपमहाद्वीप, श्रीलंका, बर्मा, पाकिस्तान और ईरान के कुछ हिस्सों में पाए जाते हैं. मगरमच्छों को वन्यजीव अधिनियम की अनुसूची-I में शामिल किया गया है, इस सूची में विलुप्त, संकटग्रस्त जीवों को शामिल किया गया है. इको-टूरिज्म मैंग्रोव सेल के सहायक निदेशक वंदन झावेरी ने कहा कि मगरमच्छ सफारी का समय सुबह 7.30 से 6 बजे तक का होगा. यह नदी के उफान पर भी निर्भर करेगा, क्योंकि कम उफान के दौरान मगरमच्छ बड़े पैमाने पर दिखाई देते हैं. उन्होंने कहा कि मगरमच्छ सफारी, नाव की सवारी और होमस्टे से प्रतिदिन 10 से 15 हजार रुपये की कमाई की उम्मीद है.


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