MP News: मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव से ठगी की कोशिश का मामला सामने आया है. गनीमत रही कि मकसूद अली साइबर ठग के झांसे में नहीं आये. साइबर ठग ने रेप केस में बेटे की गिरफ्तारी का हवाला दिया. फोन पर बेटे की गिरफ्तारी की खबर सुनकर मकसूद अली के होश उड़ गए. कॉलर ने खुद को पुलिस अधिकारी बताकर बेटे की रिहाई के बदले एक लाख रुपये ट्रांसफर करने को कहा.
मकसूद अली ने बताया कि कॉलर ने एक लाख देने के बाद बेटे की पुलिस गिरफ्त से छूटने का आश्वासन दिया. उन्होंने व्हाट्सएप से वॉयस कॉलिंग के जरिए लगातार 6 मिनट 50 सेकंड तक बातचीत की. इस दौरान मकसूद अली ने फोन करने वाले की रिकॉर्डिंग भी अपने मोबाइल से कर ली. पुलिस अधिकारी बने कॉलर ने मकसूद अली को बताया कि लड़की से रेप मामले में बेटा दोस्तों के साथ गिरफ्तार हो चुका है. बेटे को सुरक्षित पाने के लिए एक लाख रुपये देना होगा.
मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव को आया फोन
कांग्रेस नेता मकसूद अली जालसाज की मंशा को भाप गए. उन्होंने स्पष्ट कह दिया कि पूरे मामले की शिकायत पुलिस से की जाएगी. इस तरह डिजिटल अरेस्ट के जरिये ठगी से मकसूद अली बाल बाल बच गये. उन्होंने बताया कि पुलिस अधिकारियों से चर्चा कर ली है. उज्जैन के खाराकुआं थाने में मामले की शिकायत करने जा रहे हैं. डिजिटल अरेस्टिंग के नाम पर जालसाजी का गिरोह काम कर रहा है.
साइबर ठग ने बेटे की रिहाई के बदले मांगी रकम
उज्जैन में दो रिटायर्ड अधिकारियों से साइबर ठगी का बड़ा मामला सामने आ चुका है. पिछले माह साइबर ठगों ने डिजिटल अरस्टिंग के नाम पर दोनों अधिकारियों से ढाई करोड़ की रकम हड़प ली. मामला सामने आने के बाद पुलिस ने साइबर ठगों की गिरफ्तारी राजस्थान से की. पुलिस ने जालसाजों से काफी राशि वसूली करवाने में पीड़ितों की मदद की. एसपी प्रदीप शर्मा ने बताया कि डिजिटल अरेस्टिंग नाम की कानूनन प्रक्रिया नहीं होती है. ऑनलाइन ट्रांजैक्शन के जरिए अर्थदंड की वसूली फोन से नहीं होती है. इसलिए लोग साइबर ठगों के कॉल से सचेत रहें.
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