Jabalpur News: बीस साल की नौकरी के बाद मध्य प्रदेश के एक सीनियर आईएएस (IAS) अफसर ने सरकारी नौकरी को बाय-बाय कह दिया है.उन्होंने तीन माह की सैलरी एडवांस में जमा करते हुए मध्य प्रदेश सरकार से वीआरएस मांगा था. उनके आवेदन को मंजूर कर लिया गया है.उनकी अंतिम पदस्थापना जबलपुर में कमिश्नर के पद पर थी. उनके बारे में फिलहाल नौकरी से हटने के बाद दो तरह की चर्चाएं हैं. एक तो यह कहा जा रहा है कि वह राजनीति में अपनी किस्मत आजमा सकते हैं.वहीं, दूसरी ओर उनके कुछ करीबियों का कहना है कि वह दलित मूवमेंट से जुड़कर सोशल जस्टिस के लिए काम करेंगे.चंद्रशेखर ने अपने आवेदन में समाज सेवा करने की इच्छा व्यक्त की है.वैसे उनकी सत्तारूढ़ बीजेपी के टिकिट पर बैतूल जिले की आरक्षित सीट से चुनाव लड़ने की भी चर्चा है.
किस बैच के आईएएस अधिकारी हैं बी चंद्रशेखर
यहां बता दें कि मध्य प्रदेश कैडर के 2002 बैच के आईएएस अफसर बी चंद्रशेखर ने वीआरएस मांग लिया है.चंद्रशेखर जबलपुर कमिश्नर के पद पर पदस्थ थे. उन्हें गुरुवार को सचिव के पद पर भोपाल स्थानांतरित किया गया था.जल्द से जल्द नौकरी को अलविदा कहने के लिए उन्होंने तीन माह का नोटिस पीरियड पूरा करने की बजाए तीन माह की सैलरी का चेक सरकार को भेज दिया है.
आईएएस अफसर बी चंद्रशेखर ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) का आवेदन राज्य सरकार को भेजा था,जो अब मंजूर हो गया है.राज्य सरकार ने इसे फाइनल सेटलमेंट के लिए केंद्र सरकार के कार्मिक विभाग को भेज दिया है. बताया जाता है कि साढ़े तीन साल में ये चौथे अफसर हैं,जिन्होंने यह कदम उठाया है.इससे पहले सीनियर आईएएस अधिकारी रहीं गौरी सिंह (1987 बैच), वरदमूर्ति मिश्रा (1996 बैच) और मनोहर अगनानी (1993 बैच) नौकरी छोड़ चुके हैं.
क्या बी चंद्रशेखर के बीजेपी देगी विधानसभा चुनाव का टिकट
यहां बता दें कि बी चंद्रशेखर ढाई साल से जबलपुर संभाग के कमिश्नर थे.गुरुवार को सरकार ने इन्हें हटाकर मंत्रालय में सचिव बनाया था.उनकी जगह लोक शिक्षण आयुक्त अभय कुमार वर्मा को जबलपुर संभाग कमिश्नर बनाया गया है.
हालांकि,इस पूरे मामले में आईएएस बी चंद्रशेखर का कोई पक्ष तो नहीं मिला है, लेकिन उनके करीबी बताते है कि वे सोशल जस्टिस का बड़ा आंदोलन खड़ा करने वाले एक संगठन से जुड़ गए हैं.इसे फिलहाल एम-21 या मूवमेंट-21 नाम दिया गया है.इस आंदोलन की घोषणा 7 मई को नागपुर में बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर स्मारक में करने की तैयारी है.दूसरी चर्चा यह है कि वह अपनी नई राजनीतिक पारी भी शुरू कर सकते हैं. कहा जा रहा है कि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी उन्हें बैतूल जिले की आरक्षित सीट से विधानसभा की टिकट दे सकती है. अभी यह केवल कयास ही है. चंद्रशेखर और बीजेपी की तरफ से इस बारे में कोई अधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है.
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