भोपाल: अपनी 22 सूत्रीय मांगों को लेकर राजधानी भोपाल में जारी करणी सेना परिवार के आंदोलन का बुधवार को चौथा दिन है.इस आंदोलन की खास बात अब यह है कि आंदोलन में दलित युवा भी जुड़ने लगे हैं. व्यवस्थाओं में परिवर्तन और करणी सेना के आंदोलन से प्रभावित होकर एक युवा रतलाम से 340 किलोमीटर का सफर तय कर भोपाल आ पहुंचा.उसका कहना है कि व्यवस्थाओं में बदलाव होना चाहिए.अब आरक्षण आर्थिक आधार पर मिलना चाहिए साथ ही एट्रोसिटी एक्ट में भी बदलाव होना चाहिए मैं अब तक 100 से अधिक ऐसे मामले में देख चुका हूं जिसमें निर्दोष बेवजह फंसे हैं.


करणी सेना परिवार के शक्ति प्रदर्शन का आज राजधानी भोपाल में चौथा दिन है.करणी सेना परिवार के प्रदेश अध्यक्ष जीवन सिंह शेरपुर के नेतृत्व में सात लोग भूख हड़ताल पर बैठे हैं.मंगलवार की रात करणी सेना परिवार के सदस्यों ने भेल चौराहे पर ही मोबाईल टार्च की रोशनी में सुंदरकांड का पाठ किया.सुरक्षा की दृष्टि से करीब तीन हजार से अधिक पुलिसकर्मी यहां तैनात हैं.बता दें कि मप्र सरकार और करणी सेना परिवार में आपसी सहमति नहीं बन पाने की वजह से करणी सेना परिवार का आंदोलन जारी है. 


शिवराज के मंत्रियों के साथ बातचीत नाकाम


वहीं  मध् यप्रदेश सरकार के मंत्री अरविंद सिंह भदौरिया सहित अन्य मंत्री दो बार मुलाकात कर चुके हैं.लेकिन बीजेपी के मंत्री और करणी सेना परिवार के बीच सहमति नहीं बन पा रही है.जिसके चलते करणी सेना परिवार का आंदोलन जारी है. 


दलित युवा किसान भी करणी सेना के साथ
करणी सेना परिवार के आंदोलन को अन्य समाजों का भी साथ मिल रहा है.ऐसे ही करणी सेना परिवार के आंदोलन से प्रभावित होकर एक दलित युवा रतलाम से 340 किलोमीटर की दूरी पैदल चलकर भोपाल पहुंचा.युवा किसान विनोद सुनार्थी ने बताया कि मेरा परिवार खेती करता है.अनुसूचित जाति से आता हूं. उन्होंने बताया कि वो सात जनवरी को भोपाल पहुंचा और तीन दिसंबर की दोपहर तीन बजे रतलाम से पैदल चला था.इस युवा ने बताया कि करणी सेना परिवार की 21 सूत्रीय मांगों से प्रभावित है.उन्होंने कहा कि देश में अब व्यवस्थाओं में बदलाव होना चाहिए.आरक्षण की जो बात हो रही है, वो इस आधार पर हो रही है कि आरक्षण रहेगा, लेकिन आर्थिक आधार पर.गरीबी जाति देखकर नहीं आती.हर वर्ग में गरीब हैं.जनरल और ओबीसी को भी उनका हक मिलना चाहिए.एससी-एसटी को तो उनका हक मिल ही रहा है.दूसरा एट्रोसिटी एक्ट में संशोधन होना चाहिए.मैंने करीब 100 मामले ऐसे देखे हैं कि लोग एट्रोसिटी एक्ट का गलत फायदा उठा रहे हैं.जांच नहीं होती है,जो निर्दोष होता है,उसे भी जेल भेज दिया जाता है.इसलिए अब व्यवस्थाओं में बदलाव की बहुत ज्यादा जरूरत है. 


बीजेपी को वोट नहीं देने की अपील
दो दिन पहले ही सोमवार को करणी सेना परिवार के प्रदेश अध्यक्ष जीवन सिंह शेरपुर ने राजपूतों से अपील की है कि वे जिंदगी भर बीजेपी को वोट न दें. उन्होंने कहा कि हम भूख हड़ताल कर रहे हैं,ज्यादा से ज्यादा क्या होगा,आठ दिन,10 दिन, 15 दिन, एक महीना. महीने भर बाद तो जान जाएगी सरकार. उसके बाद तो समझ में आएगी.एक बात याद रखना यदि हम मर भी जाए तो भी उग्र आंदोलन मत करना,क्योंकि  हम परिवर्तन लाने के लिए आए हैं, व्यवस्था में परिवर्तन तभी आएगा, हमारे मरने के बाद एक कसम जरूर खाना कि जिंदगी भर बीजेपी को वोट मत करना.क्योंकि यह तानाशाह सरकार है.हम मर जाए इसके बाद ऐसा न हो कि लाश लेकर निकल जाओ और तोड़ फोड़ करने लग जाओ.इस आंदोलन को जीवित रखना है तो और यदि तुमको लगता है कि जीवन सिंह मरने के बाद भी जिंदा रहना चाहिए तो शांतिपूर्ण तरीके से यहां बैठकर धरना प्रदर्शन करना,धरने से मत उठना,जो मरेगा उसकी लाश ले जाई जाएगी या जंबूरी मैदान में ही जलाई जाएगी. लेकिन तुम लोगों को यही बैठना है. उग्र प्रदर्शन नहीं करना है.


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