Damoh News Today: मध्य प्रदेश के दमोह जिले में एक शिक्षक कई वर्षों से कथित फर्जी अंकसूची के बुनियाद पर शिक्षक बनकर नौकरी कर रहा है. इस मामले की शिकायत जब कलेक्टर के पास पहुंची तो उन्होंने पुलिस अधीक्षक से दोषी शिक्षक के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए हैं.
साल 2019 में फर्जी अंकसूची का खुलासा होने के बाद से ही शिकायतकर्ता सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहा था. दमोह कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर ने बताया कि फर्जी अंकसूची के जरिए शिक्षक के जरिये नौकरी किए जाने की शिकायत सामने आई थी.
दमोह कलेक्टर ने कहा कि इस मामले में शिकायतकर्ता ने अधिकारियों के जरिये की गई जांच के दस्तावेज प्रस्तुत किए थे, जिसमें अंकसूची फर्जी निकली थी. उन्होंने बताया कि इस मामले में पुलिस अधीक्षक से चर्चा कर एफआईआर दर्ज करने को कहा गया है.
शिकायतकर्ता का बड़ा खुलासा
शिकायतकर्ता के जरिये लंबे समय से जनसुनवाई में इस संबंध में शिकायत की जा रही थी. शिकायतकर्ता नन्हे सिंह अहिरवार के मुताबिक, वे झांगरी गांव तहसील पथरिया के रहने वाले हैं. उनके जरिये भीलनी निवासी कुंजीलाल अहिरवार के खिलाफ फर्जी अंकसूची के जरिए शिक्षक बनने की शिकायत की गई थी.
इस मामले में जांच के दौरान उनकी शिकायत सही पाई गई. इसके बावजूद लंबे समय से वे सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं, मगर कोई कार्रवाई नहीं हुई है. शिकायतकर्ता की मानें तो साल 1984 से लगातार कुंजीलाल शिक्षक की शासकीय नौकरी कर रहे हैं.
'2019 में हो गया था फर्जीवाड़े का खुलासा'
शिकायतकर्ता नन्हे सिंह अहिरवार का कहना है कि "उनके द्वारा जो शिकायत की गई थी, उसमें 7 अक्टूबर 2019 को यह साबित हो गया था कि कुंजीलाल अहिरवार फर्जी दस्तावेजों और अंकसूची के जरिए शिक्षक की नौकरी कर रहे हैं."
वर्तमान में कन्या शाला कनारी में पदस्थ कुंजीलाल अहिरवार के खिलाफ कई शिकायतें की गई, मगर आज तक जिला शिक्षा अधिकारी सहित अन्य लोगों ने मुकदमा दर्ज नहीं करवाया. कलेक्टर के आदेश पर अब उन्हें एफआईआर दर्ज होने की उम्मीद है.
ये भी पढ़ें: चार बच्चों की मां को शादी का झांसा देकर किया रेप, पता चलने पर पति ने भी छोड़ा