MP News: दमोह जिला जेल के सौ से अधिक कैदी आई फ्लू से संक्रमित, डॉक्टरों की टीम ने दी ये सलाह
Damoh News: कैदियों में फैले आई फ्लू को लेकर नेत्र विशेषज्ञों ने बचाव के लिए विशेष सलाह दी है. उन्होंने कहा कि कैदियों में संक्रमण बाहरी लोगों के जरिये पहुंचा, फिलहाल संक्रमितों का इलाज चल रहा है.
Eye Flu in Damoh Prisoner: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की दमोह जिला जेल (Damoh Jila Jail) के बंदियों में आई फ्लू (Conjunctivitis) का कहर बढ़ता जा रहा है. अभी तक की जांच में सौ से अधिक बंदियों में आई फ्लू (Eye Flu) के लक्षण मिले है. इसमें 6 महिला बंदी भी शामिल हैं. जेल प्रशासन ने नेत्र रोग विशेषज्ञ की मदद से बंदियों की आंखों का उपचार करवाया है.
बताया जाता है कि बीते कुछ दिनों से दमोह जिला जेल के बंदियों की आंखों में परेशानी हो रही थी. बंदियों की ओर से शिकायत मिलने पर जेल उपाधीक्षक सी एल प्रजापति द्वारा जिला अस्पताल को एक पत्र लिखा गया. इसके बाद जेल परिसर में कैंप लगाकर बंदियों की आखों का परीक्षण करने की बात कही गई थी. बंदियों में फैलते संक्रमण और उनकी परेशानी को देखते हुए जेल के अधिकारी परेशान हो गए थे.
सौ से अधिक बंदियों में मिला आई फ्लू
बंदियों की तकलीफ को देखते हुए प्रशासन की मदद से नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉक्टर राकेश राय अपनी टीम के साथ जिला जेल पहुंचे. यहां बंदियों की आखों का परीक्षण किया गया. इस दौरान सौ से अधिक बंदियों की आखों में आई फ्लू या कंजेक्टिवाइटिस का संक्रमण पाया गया है. अनेक बंदियों की आंखों में दर्द, लालीपन, कीचड़ और सूजन पाई गई है. इनमें 6 महिला कैदी भी शामिल हैं.
स्वस्थ्य कैदियों को संक्रमितों से दूर रहने की सलाह- डॉ. राकेश राय
दमोह के नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. राकेश राय के मुताबिक जिला जेल में बड़ी संख्या में आई फ्लू के मरीज सामने आने की जानकारी मिली थी. इसके बाद यहां कैंप लगाया गया. इस दौरान 100 मरीजों की आंखों का परीक्षण किया गया. सभी में आई फ्लू के लक्षण मिले. डॉ राय के अनुसार हो सकता है कि इन बंदियों से मिलने आए बाहरी लोगों के जरिए यहां संक्रमण पहुंचा हो. आई फ्लू से बचाव को लेकर सभी बंदियों को संक्रमण से सावधानी बरतने की नसीहत दी गई. साथ ही उन्हें ये भी बताया गया कि हाथों को आंखों में न लगाए. एक-दूसरे के रुमाल का इस्तेमाल न करें और एक दूसरे से 2 फिट की दूरी बनाकर रखे. उन्होंने कहा कि स्वस्थ कैदियों को इन बंदियों से दूर रखें, जिससे स्वस्थ बंदियों में ये संक्रमण न फैले.